Home मुख्य मिसु के आन्दोलन से मिथिला विवि में दरभंगा के वाड्रा के चल रहे लूट-खसोट पर मंडराया खतरा! Voice of Darbhanga
November 17, 2017

मिसु के आन्दोलन से मिथिला विवि में दरभंगा के वाड्रा के चल रहे लूट-खसोट पर मंडराया खतरा! Voice of Darbhanga

दरभंगा। अभिषेक कुमार

मिथिला की धरती पर छात्रों की राजनितिक चेतना शुरू से ही जागृत रही है। परंतु राजनितिक दलों की बैसाखी के सहारे चलने के कारण इन छात्र संगठनों की विश्वसनीयता गिरती गयी और महत्व कम होता गया।  शैक्षणिक संस्थान भी किसी प्रकार के विरोध को आसानी से मैनेज करने केलिए उनके राजनितिक आका को मैनेज कर लेते थे। परंतु मिथिला के छात्र और क्षेत्र के विकास का मुद्दा उठाकर एक गैर राजनीतिक संगठन ने इनदिनों मिथिलांचल के हृदयस्थली दरभंगा में ख़ास छाप छोड़कर बड़े बड़े आकाओं की नींद उड़ा दी है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं मिथिला स्टूडेंट यूनियन की। इस संगठन ने मिथिलांचल में बंद पड़े चीनी मीलों को शुरू करने की मांग से अपनी यात्रा शुरू करके मिथिला के क्षेत्र और छात्र के विकास को मुद्दा बनाया और आज हर जुबान पर छा गए हैं। गत 15 नवम्बर को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अनियमितताओं के विरोध में सम्पन्न विशाल रैली ने इस विश्विद्यालय में जड़ जमा रखे और कमाई का अड्डा बनाये रखने वाले राजनितिक आकाओं की नींद उड़ा दी। दरभंगा की सत्ता पर काबिज एक कद्दावर राजनितिक हस्ती जिसे भूमाफिया की छवि होने के कारण दरभंगा के वाड्रा के उपनाम से भी जाना जाता है, उसकी तो ख़ास कर नींद उड़ गयी है। इस विश्विद्यालय को उसने वर्षो से दुधारू गाय बना रखा है। अपने पार्टी के चार पांच वफादार ख़ास निजी सिपहसालारों से यहां हर प्रकार की ठेकेदारी करवा कर उनसे कमीशन प्राप्त करने का पुराना गोरखधंधा चलाता रहा है। मिथिला स्टूडेंट यूनियन की इस बढ़ती ताकत ने उसके माथे पर पसीना ला दिया। हलाँकि अपरोक्ष रूप से अपने इन वफादारों के द्वारा विरोध में उठने वाले स्वर को दबाने की कला में माहिर दरभंगा के वाड्रा ने इसबार भी अपनी चाल चलने में कोई कसर नही छोड़ी। परन्तु पहले से परिपक्व हो चुके इस यूनियन के नेतृत्व ने इस चाल को भांप लिया और पूरे आंदोलन के दौरान संयमता बनाये रखी।

कुल मिलाकर कहा जाय तो मिथिला विवि में अराजकता समाप्त होने और मिसु के वर्चस्व बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान और घोटालों के पोल खुलने का डर वर्षो से दरभंगा के सत्ता पर काबिज दरभंगा के वाड्रा को ही है। साथ ही साथ तालाबो को भर कर बेचने और अन्य घोटालों के भी सामने आ जाने का डर भी सामने निश्चित रूप से खड़ा होगा। इन परिस्थितियों को देखते हुए यह लाजिमी है कि वाड्रा द्वारा मिसु एवं मिसु के समर्थकों को बदनाम करने और तोड़ने केलिए अपने चमचो की फ़ौज को पूरी ताकत से सक्रीय कर दिया जाएगा।

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