Home Featured भारतीय जनता के आंकक्षाओं का प्रतीक है संविधान : कुलपति।
November 26, 2020

भारतीय जनता के आंकक्षाओं का प्रतीक है संविधान : कुलपति।

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में आज भारतीय संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रस्तावना का वाचन कराया और अपने उद्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि,” कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन, दौर- ए-जमां हमारा”। वस्तुत: भारतीय संविधान आज 71वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, लेकिन आज भी भारतीय संविधान अविचल स्थिर और भारतीय जनता की आस्था और आकांक्षा का प्रतीक बना हुआ है। संविधान दिवस के अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. डौली सिन्हा ने कहा कि भारतीय संविधान के स्थायित्व का सबसे बड़ा कारण संविधान संशोधन है। अब तक संविधान में 114 संशोधन हो चुके हैं। इस विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. अनिल कुमार झा ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रस्तावना संविधान का दर्पण है, इसमें संपूर्ण भारतीय सभ्यता और संस्कृति का चित्र उत्कीर्ण है। इस विचार गोष्ठी में अपने वक्तव्य में कुलसचिव प्रो. मुस्ताक अहमद ने कहा कि 26 नवंबर 1949 का दिन ऐतिहासिक रहा है। इस दिन ही भारत के विशाल संविधान को पूरा किया गया। इस अवसर पर प्रो. मुनेश्वर यादव, प्रो. शीला, डॉ. गोपी रमण सिंह, डॉ. पुष्पम नारायण, डॉ. राजेंद्र साह, डॉ. जीवानंद झा, डा. लावण्या कीर्ति सिंह काव्या, प्रो. हिमांशु शेखर, प्रो. अशोक मेहता, डॉ. शम्भु प्रसाद, सैयद फजले रहमान, डा. राजीव कुमार, डॉ. एस.एन. राय, डॉ. एन. के. अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन समन्वयक डा. आनंद प्रकाश गुप्ता ने किया।

Share

Check Also

गोपालजी ठाकुर ने कराया नामांकन, जनसभा में पहुंचे एनडीए के कई दिग्गज नेता।

दरभंगा: गुरुवार को भाजपा (एनडीए) प्रत्याशी गोपाल जी ठाकुर ने लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन …