सही इलाज और देखरेख का अभाव झेल रही है डीएमसीएच में भर्ती मधुबनी की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता।
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दरभंगा: इंसान पर जब हैवानियत सवार हो जाये तो वह किस हद तक हैवान बन जाता है, इसकी गवाह बनी हुई है मधुबनी की एक दिव्यांग नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता। मधुबनी जिले के हरलाखी थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ बकरी चराने के दौरान दिनदहाड़े दुष्कर्म किया गया था। लड़की बोलने और सुनने में अक्षम थी। किसी को कुछ बोल नही सकती थी। पर उसने दुष्कर्मियों को देख लिया, इसलिए हैवानों ने उसकी आंख भी फोड़ डाली। मधुबनी में प्राथमिक उपचार के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। फिलहाल उसे नेत्र विभाग में रखा गया है।
पीड़िता की इलाज कर रही डॉ0 अलका झा ने कहा कि पीड़िता की दोनों आंखों को किसी नुकीली चीज से फोड़ दिया गया है। पीड़िता बोलने और सुनने में असमर्थ है, इसलिए जांच करने में काफी कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि अभीतक की जांच से लगता है कि उसके दायीं आंख की रौशनी बच सकती है, लेकिन बाएं आंख की रौशनी बचने की उम्मीद काफी कम है।
इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्रा गुरुवार को पीड़िता का हाल जानने डीएमसीएच पहुँचे। उन्होंने पीड़िता के परिजनों एवं डॉक्टरों से सारी स्थिति की जानकारी ली।
इस घटना को अमानवीय बताते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि पुलिस इस मामले में सही ढंग से अपना कार्य नही कर रही है। लड़की के एडमिट होने के बाद कांड के अनुसंधानक एकबार भी खोज खबर तक लेने नही आये हैं।
उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने के साथ साथ दो स्तरों पर इसके लिए कार्य करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम इलाज बेहतर ढंग से होना चाहिए। साथ ही साथ पीड़िता के भविष्य को सुरक्षित करने केलिए भी ध्यान देना होगा। चूंकि पीड़िता नाबालिग है और निराश्रित है, अतः समाज कल्याण विभाग को इस मामले को देखना चाहिए और पीड़िता के सुरक्षित आश्रय एवं देखरेख का प्रबन्ध करना चाहिए।
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