एलएनएमयू में एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-सेमिनार का हुआ आयोजन।
दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भूगोल विभाग में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-सेमिनार को संबोधित करते हुए प्रतिकुलपति प्रो. डौली सिन्हा ने मिथिला क्षेत्र में विकास के अपार संभावनाओं को चिन्हित किया तथा मिथिला के भूसंपदाओं पर सूक्ष्म एवं गहन शोध के लिए शोधार्थियों को प्रेरित किया।
उन्होंने दरभंगा में स्थित जलाशयों के गिरते गुणात्मक स्तर पर भी चिंता व्यक्त की। उद्घाटन सभा में प्रो. गोपी रमन सिंह प्रो. प्रीति झा प्रो. जीवानंद झा, प्रो. जयशंकर झा, प्रो. अशोक बच्चन, प्रो. सारिका पांडेय, प्रो. लक्ष्मी एवं विभिन्न विभागों के अन्य अधिकारी की विशेष उपस्थिति रहे। कार्यक्रम की शुरूआत स्नातकोत्तर के छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय कुलगीत प्रस्तुत कर किया गया। इस अवसर पर प्रति कुलपति के द्वारा ई-एब्स्ट्रेक्ट का विमोचन भी किया गया।
स्नातकोत्तर भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने उद्घाटन सभा में सेमिनार के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला तथा अतिथियों का अभिनंदन किया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में बीज वक्ता के रूप में प्रो. रास बिहारी सिंह ने मिथिला क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र शुरू से ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्ध रहा है तथा एक विशिष्ट पहचान बनाए रखने में सफल रहा है। यहां की उर्वरक मिट्टी तथा प्रचुर जल संसाधन विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ एवं सुखाड़ के उपरांत भी इस क्षेत्र की समृद्धि बनाए रखने में सफल रहे हैं तथा अपार संभावनाएं व्यक्त करते हैं।
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