Home Featured मैथिली फिल्म अकादमी द्वारा सात दिवसीय मिथिलाक्षर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित।
March 10, 2021

मैथिली फिल्म अकादमी द्वारा सात दिवसीय मिथिलाक्षर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित।

दरभंगा: वर्तमान समय में मैथिली भाषा और लिपि के विकास के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। यह काफी उत्साहजनक है। भाषा का विकास तो बोलने से होता है लेकिन लिपि का विकास लिखने से ही होगा। हम अपने दैनिक व्यवहार में जितना अधिक मिथिलक्षर लिपि का इस्तेमाल करेंगे उतना ही यह सहज होता जाएगा और सर्वस्वीकार बन जाएगा।

ये बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. भीमनाथ झा ने कही। वे बुधवार को मैथिली फिल्म अकादमी और रामेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय ‘मिथिलक्षर प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अगर 10 और लोगों को मिथिलाक्षर की जानकारी प्रदान करने का कार्य करे तो इस लिपि का तेजी से विकास होगा। समापन समारोह के उद्घाटनकर्ता इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. शंभू शरण सिंह ने कहा कि अपने इतिहास पर गर्व करना ही विकास का मूल मंत्र है। वर्तमान में मिथिलाक्षर लिपि का इस्तेमाल कम हो गया है लेकिन पूर्व काल में यह काफी प्रचलित रहा है। इस लिपि में निपुणता हासिल कर हम इसे फिर से सर्वमान्य बनाने की दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं। विशिष्ट अतिथि मिथिला संस्कृत शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. देवनारायण यादव ने कहा कि तंत्र, मीमांसा और धर्म शास्त्र समेत ज्ञान की साढे़ 12 हजार से अधिक पांडुलिपि या संस्थान में सुरक्षित है जो मिथिलाक्षर में है। इसका लिप्यांतरण किया जाना आवश्यक है। ्रकामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व साहित्य विभाग अध्यक्ष डॉ. श्रवण कुमार चौधरी ने कहा कि मिथिलक्षर के विकास को हमें अभियान बनाना पड़ेगा।

जिस तरह एक दीप से हजारों दीप जलाए जा सकते हैं उसी तरह मिथिलाक्षर को घर घर तक पहुचाना चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में रमेश्वर लता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश झा ने कहा कि मिथिलाक्षर के विकास के लिए वह हर संभव प्रयास करते रहेंगे और ऐसे आयोजन को आगे भी बढाएंगे। इससे पूर्व मैथिली कुमारी ने गोसावनिक गीत की प्रस्तुति की। शिवम और विश्व मोहन ने स्वागत गान गाया। दीपक झा ने महादेव वंदना और मैथिली गीत प्रस्तुत किए। अतिथियों का स्वागत करते हुए मैथिली फिल्म अकादमी के संयोजक शशि मोहन भारद्वाज ने कहा कि कला, साहित्य और संस्कृति का संवर्धन हमारा लक्ष्य है। मिथिलक्षर के विकास के लिए ऐसे आयोजन निकट भविष्य में पुन: किए जाएंगे।

इस कार्यशाला में लगभग 85 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गया। हेमेंद्र कुमार ‘लाभ ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विजय कुमार मिश्रा कर रहे थे। इस मौके पर धनेश्वर झा, चंद्रनाथ झा, डॉ. बैद्यनाथ झा, वरुण कुमार झा, शशि भूषण चौधरी, शरद कुमार, बालेंदु झा आदि भी उपस्थित थे।

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