Home Featured बिहार के चौदह कॉलेज की मान्यता होगी रद्द।
March 10, 2021

बिहार के चौदह कॉलेज की मान्यता होगी रद्द।

दरभंगा: यूजीसी की 11 वीं और 12 वीं पंचवर्षीय योजना से प्राप्त अनुदान की राशि ससमय उपयोग नहीं करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने को लेकर यूजीसी द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है।

यूजीसी की 11 वीं और 12 वीं पंचवर्षीय योजना से प्राप्त अनुदान के समायोजन के लिए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में यूजीसी की चार सदस्यीय समिति के संयोजक डॉ. अमोल आंध्रेरे और भोपाल अवस्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरजे राव की अध्यक्षता और मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की मौजूदगी में इसकी जानकारी दी गई।

बैठक के तीसरे और अंतिम दिन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय और बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के 59 कॉलेजों के प्राचार्य और प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए। कुलपति ने सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि बिहार के सभी कॉलेज यूजीसी के रडार पर है।

संबंधित सभी प्राचार्यों की जिम्मेदारी बनती है कि यूजीसी की दोनों परियोजनाओं के अवशेष राशि को सूद के साथ वापस कर किया जाए। कॉलेज के उपयोग में लाए गए राशि को विहित प्रपत्र में उपयोगिता प्रमाण पत्र भरकर जमा करने का निर्देश दिया। शेष कागजातों को विधिवत रूप से ससमय जमा कर करें।

कुलपति ने कहा कि यूजीसी चेयरमैन प्रो. आरजे राव ने दिशा निर्देश देते हुए कहा है कि आज की तिथि में बकायों का चेक लिस्ट कॉलेजवार है, इसे सभी संबंधित कॉलेज नियमानुसार निर्धारित प्रपत्र में जमा कर दें। बैठक में सभी 59 कॉलेजों के द्वारा एक-एक कर सभी कागजातों को यूजीसी टीम के समक्ष रखा गया।

किसी भी कॉलेज के प्रतिनिधि और प्राचार्यों ने निर्धारित प्रोफार्मा में सूचना उपलब्ध नही करवा पाया है। बताया गया कि है कि यूजीसी की 11 वीं और 12 वीं पंचवर्षीय योजना से प्राप्त अनुदान की राशि ससमय उपयोग नहीं करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र ससमय जमा नहीं करने मामले में असहयोग को लेकर 14 कॉलेजों की मान्यता रद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इसमें सबसे अधिक बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के तीन कॉलेज और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के एक कॉलेज शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मिथिला विश्वविद्यालय के पीएनबी कॉलेज घोघरडीहा मधुबनी की मान्यता रद करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

बैठक में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी प्रो. केके साहू, प्रो. एनके अग्रवाल, कुलसचिव डॉ. मुश्ताक अहमद, वित्तीय परामर्शी कैलाश राम, कुलानुशासक प्रो. अजयनाथ झा भी मौजूद थे।

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