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June 27, 2021

मधुमेह जागृति दिवस पर ऑनलाइन विचारगोष्ठी का आयोजन।

दरभंगा: दरभंगा। भारत में मधुमेह रोगियों की निरंतर संख्या बढ़ती जा रही है, जिसमें युवा भी शामिल हो रहे हैं। मधुमेह लाइलाज बीमारी है जो अनेक अन्य बीमारियों का घर है। संगीत एवं योग को अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह रोगी हमेशा चिंता व तनाव ग्रस्त रहते हैं, जिन्हें संगीत मानसिक शांति प्रदान कर उनके मन-मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। ये बातें रविवार को लनामि विवि के ललित कला संकायाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण ने कही। वे भारत विकास परिषद की भारती-मंडन शाखा, दरभंगा तथा डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में ‘मधुमेह जागृति दिवस पर ‘मधुमेह की समस्या और निदान विषयक ऑनलाइन विचारगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए विचार व्यक्त कर रहे थे। आईएमए, दरभंगा के अध्यक्ष डॉ. बीबी शाही ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि दुनिया के एक तिहाई मधुमेह मरीज भारत में रहते हैं। इसीलिए भारत को कैपिटल ऑफ मधुमेह कहा जाता है। कोविड-19 सहित अन्य रोगों का प्रभाव मधुमेह ग्रसित व्यक्तियों पर अत्यधिक पड़ता है। यह वंशानुगत तथा गलत खानपान व दिनचर्या के कारण उत्पन्न रोग है जो किडनी को भी प्रभावित करता है। मुख्य वक्ता योगाचार्य आरबी ठाकुर ने कहा कि मधुमेह घुसपैठिया और आतंकी बीमारी है। मधुमेह रोगी को सामान्य व्यक्ति की तुलना में चार गुना अधिक हर्ट का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह जीवनभर बना रहता है, जिसका निदान शारीरिक श्रम, खानपान में संयम, खेलकूद, व्यायाम तथा आसन-प्राणायाम को अपनाकर चौतरफे तरीके से ही किया जा सकता है। विशिष्ट वक्ता केवटी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. विजय कुमार ने कहा कि भारत में सरकारी आंकड़ों के अनुसार सात करोड़ सहित कुल 14 करोड़ से अधिक मधुमेह रोगी हैं। मधुमेह भारत में सुनामी की तरह खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। समय पर जांच न होने के कारण अधिकतर लोगों में मधुमेह खतरनाक रूप ले रहा है। इसका प्रभावी निदान आयुर्वेदिक से संभव है। सम्मानित वक्ता के रूप में दीनानाथ लाल ने कहा कि डायबिटीज एक साइलेंट डिजीज है जो अप्राकृतिक जीवन, भागदौर तथा भौतिकवादी जीवनशैली के कारण होती है। अध्यक्षीय संबोधन में परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि त्वचा में संक्रमण, खुजली होना, मुंह सूखना, अधिक प्यास लगना, कमजोरी होना आदि मधुमेह के प्रारंभिक लक्षण हैं। इससे बचने के लिए मदिरापान तथा धूम्रपान छोड़कर ग्रीन टी, जामुन का बीज, गिलोय, दालचीनी आदि के सेवन के साथ ही पैदल चलना तथा साइकिल चलाना अत्यंत लाभदायक है। विचारगोष्ठी में डॉ. मशरूर सोगरा, राजकुमार गणेशन, अनिल कुमार सिंह, प्रो. विनोद साह, डॉ. विकास सिंह, डॉ. बालकृष्ण प्रसाद चौरसिया, डॉ. राजेश्वर पासवान, अमरजीत कुमार, भारत कुमार मंडल, डॉ. शंभू मंडल, डॉ. अलका द्विवेदी, शैलेंद्रनाथ तिवारी, डॉ. अंजू कुमारी, श्रीरमण अग्रवाल, राघव झा, डॉ. संदीप कुमार चौरसिया आदि थे। परिषद के सचिव डॉ. आरएन चौरसिया के संचालन में आयोजित विचारगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत सीएम कॉलेज के एनसीसी पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव व धन्यवाद ज्ञापन फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने किया।

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