नागार्जुन के जन्मदिवस पर कर्मचारी महासंघ ने अर्पित किया श्रद्धांजलि।
दरभंगा: मिथिला के महान विभूति एवं मैथिली साहित्य के मूर्धन्य कवि बाबा नागार्जुन के 110वें जन्मदिवस पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की ओर से महासंघ कार्यालय परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए याद किया गया। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष फकीरा पासवान की अध्यक्षता में उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेता एवं महासंघ के जिलामंत्री फूल कुमार झा ने बाबा नागार्जुन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वास्तव में वे भारतीय वर्ग संघर्ष के कवि थे।
उनकी पहचान एक कवि के साथ-साथ उपन्यासकार और मैथिली के सर्वश्रेष्ठ रचनाकार के रूप में भी थी । इनकी रचनाओं में भारतीय जनजीवन की विभिन्न छवियां अपना रूप लेकर प्रकट होती है। उन्होंने कविता की विषय वस्तु के रूप में प्रकृति और भारतीय किसानों के जीवन को, उनकी विभिन्न समस्याओं को, शोषण के खिलाफ संघर्ष को और भारतीय जनता की संघर्ष शक्ति को अत्यंत सशक्त ढंग से रखने का काम किया है। इस अवसर पर महासंघ के संयुक्त मंत्री अरविंद कुमार राय ने कहा कि नागार्जुन मैथिली के अलावे संस्कृत व पाली भाषा के मूर्धन्य विद्वान थे।
बाबा नागार्जुन अपने समकालीन किसान नेता सहजानंद सरस्वती के किसान आंदोलन से प्रभावित होकर आंदोलन को तेज करने के लिए जेल की यातनाएं भी सही। साथ ही देश में इमरजेंसी के दौरान उन्होंने अपनी लेखनी एवं वाणी से इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया था।
श्रद्धांजलि देने वालों में ताराकांत पाठक ,अश्विनी कुमार झा, श्रमिक नेता सत्य प्रकाश चौधरी इत्यादि उपस्थित थे।
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