समस्या रहती जस की तस, बिजली विभाग का मैसेज आता है – Your Complaint has been Resolved।
दरभंगा: एक दौर था जब पूरे बिहार में बिहार राज्य विद्युत बोर्ड था। बोर्ड का हाल बहुत ही खस्ता था। लाइट का दर्शन होता था तो लोग उसे देव का दर्शन मानते थे। कब आएगा और कब जाएगा? ये किसी को पता नहीं होता था। सन 2005 में सरकार बदली। तो स्वयं सीएम नीतीश ने कुछ मुद्दों को प्राथमिकता के रूप में लिया जिसमें कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, व उसमें एक अहम बिजली भी थी। यकीनन बिजली विभाग का स्वरूप बदला। बिहार को दो हिस्सों में बांट दिया गया। एक NBPDCL:- North Bihar Power Distribution Company Limited और दूसरा SBPDCL:- South Bihar Power Distribution Company Limited. मतलब बोर्ड अब लिमिटेड कंपनी का रूप ले लिया था। उसका निजीकरण इस आस में किया गया था कि निजीकरण होने से बिजली के क्षेत्र में सुधार होगा। यकीनन हुआ भी। लेकिन अब कई साल बीत जाने के बाद भी बिजली कंपनी भी उन्हीं रास्तों पर जाना शुरू कर दी है जिस रास्ते पर कभी बोर्ड हुआ करता था।
अब सीधे आपको मुद्दों पर लाते हैं:-
सर्वे क्षेत्र:- अनार फीडर-फेकला फीडर, दरभंगा
1). दरभंगा शहरी क्षेत्र से अगर सबसे नजदीक कोई फीडर होगा तो वो है फेकला फीडर और अनार फीडर:- दोनों फीडर की स्थिति यह है कि एक लाइनमैन राजकुमार के बदौलत यह फीडर चल रहा है। राजकुमार की नौकरी भी स्थायी नहीं है। वो अस्थायी रूप से कार्य कर रहे हैं। अब पता नहीं कि कंपनी उसे कांट्रेक्ट, आउटसोर्स या दैनिक मजदूरी पर रखी है। इस दोनों फीडर का क्षेत्र देखें तो काफी लंबा क्षेत्र है। कंपनी ने बाइक भी मुहैया नहीं कराया है। अब एक राजकुमार साइकिल से एक दिन में कहां-कहां प्रकट हो? कार्य का इतना दवाब कि एक तो वो मशीन बना हुआ है। दूसरा बिजली उपभोक्ताओं के घण्टों-घण्टों तक बिजली कटी मिलती है जबकि विभाग का आदेश है कि अधिकतम किसी भी क्षेत्र में 3 घण्टे से ज्यादा बिजली खराब नहीं रहनी चाहिये।
2). जब भी थोड़ी बारिश होती है या हवा चलता है तो कभी पोल गिरता है, कभी तार गिरता है:-
अपवाद को छोड़ दिया जाय तो कभी आपने सुना है कि बरौनी से रामनगर दरभंगा आने वाली मेन लाइन कभी तार व पोल के टूटने से बंद हुआ है।
कभी आपने यह सुना है कि रामनगर से पावर सब स्टेशन अनारकोठी या फेकला पावर सब स्टेशन तक बारिश से बिजली का पोल गिरता है या तार टूटता है।
आपने जब सुना होगा तो यही सुना होगा कि पावर सब स्टेशन से विभिन्न गावों तक वाया ट्रांसफार्मर पहुंचने वाली लाइट में ही पोल गिरा है, तार गिरा है। आखिर क्यों? क्योंकि इसकी स्थिति जर्जर है। इससे साफ स्पष्ट होता है कि जो तकनीक रामनगर से अनारकोठी या फेकला फीडर तक पहुंचाने में प्रयोग होती है वह तकनीक अनारकोठी या फेकला फीडर से ग्रामीण उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाने में नहीं होती है। आखिर क्यों? जबकि अब राजस्व का भी कोई दिक्कत नहीं है?
3). दो फीडर के तुलनात्मक अध्ययन में किसी गाँव में उस फीडर से लाइट मिलनी चाहिये जो फिर संबंधित गाँव से कम से कम दूरी पर हो।
4). अब एक स्थानीय मुद्दा को समझिये:-
एक तो आम जनता ऑनलाइन शिकायत तक पहुंच ही नहीं पाते इसीलिए वो सड़ी-गली सिस्टम का शिकार हो जाते हैं और शार्ट-कर्ट विधि खोजते हैं।
तो वहीं दूसरी ओर जो उपभोक्ता ऑनलाइन शिकायत तक पहुंचते हैं उनके साथ भी विभाग ऐसा खेल खेलता होगा ये कभी सपने में भी नहीं सोचा था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि NBPDCL पर दर्ज शिकायत का निपटारा किये बिना 10 दिनों के अंदर में ऑनलाइन रिपोर्ट प्रदर्शित करता है कि:- Your Complaint has been resolved.
a). शिकायत संख्या:- 1004814723,
शिकायत तिथि:- 11 मार्च 2021
करेंट स्टेटस:- Your Complaint has been
resolved
b). शिकायत संख्या:- 1005072391,
शिकायत तिथि:- 21 जून 2021
करेंट स्टेटस:- Your Complaint has been
resolved
c). शिकायत संख्या:- 1005077639
शिकायत तिथि:- 23 जून 2021
करेंट स्टेटस:- Your Complaint has been
resolved
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बिहार में हर विभाग में एक सख्त ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम की जरूरत है, जहां से सीधे उपभोक्ताओं से संपर्क कर फीडबैक लेने की कोशिश की जाय और उस फीडबैक के आधार पर जवाबदेही तय किया जाय और जो भी अधिकारी इसके लिये दोषी हैं, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाय।
उपभोक्ताओं ने कहा कि शिकायत के बाद भी विभागीय अधिकारी मामले पर संज्ञान नहीं लेते हैं तो उपभोक्ताओं लोक शिकायत निवारण केंद्र एवं अदालत की शरण में जाएंगे।
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