बाल श्रमिकों के पुनर्वास व उनके सशक्तिकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन।
दरभंगा: बुधवार को बाल कल्याण समिति के कार्यालय कक्ष में बाल श्रमिकों के पुनर्वास व उनके सशक्तिकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान एवं चाइल्ड लेबर फ्री, जयपुर (सीएलएफजे) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए टीम लीडर अनिल ने बताया कि, दरभंगा के लगभग 50 बच्चे जयपुर, राजस्थान के विभिन्न छोटे व मध्यम दर्जे के उद्योग में अवैध ढंग से कार्यरत थे। बिहार तथा राजस्थान सरकार के सम्बन्धित विभागों के समन्वय से सभी बच्चे मुक्त होकर अपने घर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी, अशिक्षा, जानकारियों के अभाव व बेरोजगारी के कारण ये बच्चे पुनः बाल श्रम के चुंगल में नहीं फँसें, इसी उद्देश्य के साथ सीएलएफजे परियोजना दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर व वैशाली के 235 बच्चों के साथ कार्यरत है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र ने कहा बाल-श्रम एक अभिशाप के साथ-साथ सभ्य समाज के लिए कलंक भी है। इसीलिए बाल श्रम मे लिप्त बच्चे का सामाजिक व आर्थिक पुनर्वास होने पर ही बाल श्रम मुक्त समाज संभव है।कार्यशाला मे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र झा, परियोजना समन्वयक अनिल लुकस, बाल संरक्षण पदाधिकारी पंकज सिन्हा, बाल गृह के अधीक्षक दीपक कुमार सिंह, चाइल्ड लाइन के परामर्शी सच्चिदानंद झा, परिवीक्षा अधिकारी राघव ठाकुर, इंदिरा कुमारी, रेणु कुमारी, प्रीति, पुनीत झा, श्रेया, शबनम, गोविंद सहित कई समाजिक कार्यकताओं ने भाग लिया।
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