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October 1, 2021

सेवानिवृत्त कर्मियों को कुलपति द्वारा किया गया सम्मानित।

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्वर्ण जयंती वर्ष में नवाचार एवं नयी पहल के लिए सुर्खियों में है। गत पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार विश्वविद्यालय के अंगीभूत एवं सम्बद्ध महाविद्यालय के गत एक वर्ष में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

शुक्रवार को वह गौरवशाली परम्परा कर्मचारियों के प्रसंग में दुहराई गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह, प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा, वित्तीय परामर्शी कैलाश राम एवं कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। विश्वविद्यालय मुख्यालय सहित अंगीभूत एवं सम्बद्ध महाविद्यालय के गत एक वर्ष में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया। अक्षम कर्मचारियों को उनके आसन तक चलकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपके सहयोग से विश्वविद्यालय की 50 वर्षों की यात्रा पूरी हुई है। आपने विश्वविद्यालय की गरिमा को अपने योगदान से बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की उपलब्धियां छात्र-छात्राएं होते हैं, जो बाहर चले जाते हैं, लेकिन कर्मचारियों की सेवाएं संचिकाओं में संचित रहती हैं। शिक्षक छात्र-छात्राओं को गढ़ते हैं, जबकि कर्मचारी संस्था का संवर्धन करते हैं। विश्वविद्यालय-महाविद्याय का स्थायित्व कर्मचारियों से बनता है। वे वस्तुत: नियम-परिनियम के वाहक होते हैं। इस प्रसंग में कुलपति ने व्यंग्य किया कि संचिकाओं को बनाना और बिगाड़ना दोनों कर्मियों के हाथों में होता है।

प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम को एक अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संस्थान की रीढ़ होते हैं, उन्हें शिक्षकेत्तर कर्मचारी नहीं, बल्कि सहयोगी कर्मचारी कहना चाहिए। प्रति कुलपति ने आश्वस्त किया कि सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान यथाशीघ्र कर दिया जाएगा।

इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी कैलाश राम ने कहा कि कर्मचारियों की बदौलत ही कार्यलयों का संचालन होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सेवानिवृत्ति के बाद आप एक सुखद सामाजिक जीवन जिएंगे।विश्वविद्यालय को जब कभी आपके सहयोग की आवश्यकता होगी तो आप सहर्ष सहयोग के लिए तैयार रहेंगे।

कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने सम्मान समारोह का समाहार करते हुए कहा कि यह नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। पेंशन के मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा रहा है। बकाए मद की राशि की मांग सरकार से की गयी है। राशि की एक किश्त आयी भी है जिसका वितरण वरीयता के आधार पर किया जाएगा।

सौ से अधिक उपस्थित सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बारी-बारी से मंच पर बुलाकर पाग-चादर और प्रतीक चिह्न से कुलपति, प्रति कुलपति, वित्तीय परामर्शी एवं कुलसचिव ने सम्मानित किया। सभा भवन उस समय भाव प्रवण हो गया जब कुलपति एवं कुलसचिव ने अशक्त कर्मचारियों को उनके आसन तक जाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन दूरस्थ शिक्षा के निदेशक प्रो. अशोक कुमार मेहता ने किया।

कार्यक्रम का संयोजन उप कुलसचिव प्रथम डॉ. कामेश्वर पासवान ने किया। इस अवसर पर मीडिया प्रभारी प्रो. चन्द्रभानु प्रसाद सिंह, कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, पुस्तकालय विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. दमन कुमार झा, विधि पदाधिकारी डॉ. सोनी सिंह, परीक्षा नियन्त्रक डॉ. आनन्द मोहन मिश्रा, कुलपति के निजी सचिव डॉ. केएन श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में कार्यरत कर्मचारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की सर्वत्र मुक्तकंठ से प्रशंसा की गयी।

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