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January 13, 2022

मिथिला विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक संपन्न।

दरभंगा:- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर के जुबली हॉल में अधिषद् की बैठक का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कुलसचिव प्रो० मुश्ताक अहमद ने राज्यपाल सचिवालय के पत्रांक 42/2009 दिनांक 28 दिसंबर 2021 के आलोक में महामहिम के पत्र की चर्चा करते हुए कहा कि महामहिम कुलाधिपति महोदय अधिषद् की बैठक आयोजित करने की स्वीकृति दिनांक 13 जनवरी 2022 को दी है। वैश्विक महामारी के दौर में अधिषद् की बैठक ऑनलाइन मोड में की जा रही है। कुलसचिव महोदय ने इस अधिषद् की बैठक की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह से अनुमति लेकर बैठक की शुरुआत की। कुलसचिव महोदय ने सर्वप्रथम कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह को अभिभाषण के लिए आमंत्रित किया।

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कुलपति प्रो० सिंह ने सीनेट की बैठक में सम्मिलित सभी सदस्यों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। सर्वप्रथम पूरे विश्वविद्यालय परिवार की ओर से महामहिम कुलाधिपति को धन्यवाद देते हुए कहा की आज अधिषद् की बैठक आयोजित करने के लिए महामहिम ने अपना आशीर्वाद दिया है।

कुलपति प्रो० सिंह ने अपने अभिभाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल में सीनेट की यह दूसरी बैठक है। वैश्विक महामारी में सर्वाधिक प्रभाव हमारी शैक्षणिक-व्यवस्था पर पड़ा है। कोविड-19 के कारण कुछ समय के लिए स्नातकोत्तर विभाग एवं महाविद्यालय बंद करने पड़े। लेकिन शिक्षक एवं अधिकारी छात्र-हित में ऑनलाइन वर्ग लेते रहे। परीक्षाएँ नियमित सत्र के साथ संचालित होती रही हैं। यही कारण है कि पूरे बिहार में एकमात्र ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का एकेडमिक सत्र नियमित चल रहा है, यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।

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इतना ही नहीं विश्वविद्यालय स्थापना के 50 में वर्ष में इस वैश्विक महामारी के दौर में 61 राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किए गए, 12 अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किए गए एवं 103 एकेडमिक प्रतिस्पर्धा संचालित किए गए। रिसर्च के क्षेत्र में 600 छात्रों को पीएच०डी० की उपाधि दी गई इतना ही नहीं पीएच०डी० शोध-प्रबंध को शोधगंगा ऐप पर डाला जा रहा है। साथ ही एंटी-प्लेगेरिज्म व्यवस्था शुरू की गई है, जिससे रिसर्च की गुणवत्ता में अभिवृद्धि हुई है। 17 से अधिक विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों में जे.आर.एफ के रूप में अपना योगदान दिया है।

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इसी क्रम में सर्वप्रथम सेवानिवृत्त शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को विश्वविद्यालय स्तर पर सम्मानित किया गया। स्पोर्ट्स के क्षेत्र में “खेलो इंडिया” का प्रोजेक्ट सरकार के पास गया हुआ है। महाविद्यालयों में खेल-प्रतियोगताओं का आयोजन हो रहा है। बैडमिंटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर इस विश्वविद्यालय की पहचान बनी है। डब्ल्यू०आई०टी० को राज्य सरकार के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जोड़ा गया है।

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बिहार लोक सेवा आयोग से नवनियुक्त 371 शिक्षकों की सेवा संपुष्ट की गई है। 602 गेस्ट फैकेल्टी की नियुक्ति की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। 58 अनुकंपा पाल्यों की नियुक्ति की गई है। पुस्तकालय को ई-लाइब्रेरी से जोड़ा जा रहा है। रिसर्च के क्षेत्र में नए लैब बनाए जा रहे हैं। कुलपति ने आगे कहा कि हमारे विश्वविद्यालय में क्लास रूम की कमी है। इसी परिप्रेक्ष्य में 60 कमरे के क्लास रूम का एक प्रोजेक्ट बनाया गया है। साथ ही विश्वविद्यालय कैंपस को सुंदर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। कुलपति के अभिभाषण का अधिषद् के सभी सदस्यों ने स्वागत और समर्थन किया।

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प्रति कुलपति प्रो० डाॅली सिन्हा ने सीनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट अभिभाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट कुल आठ खंडों में विभक्त है। प्रथम खंड के अंतर्गत एन०पी०एस० के लिए 2 अरब 26 करोड़ 49 लाख 45 हजार 508 मात्र का प्रबंध किया गया है। द्वितीय खंड के अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए 3 अरब 7 करोड़ 6 लाख 50 हजार 816 का उपबंध किया गया है। जबकि पुनरीक्षित वेतनमान पेंशन बकाया एवं अन्य मद में 3 अरब 22 करोड़ 77 लाख 99 हजार 703 रुपए मात्र का उपबंध किया गया है। तृतीय खंड के अंतर्गत स्नातकोत्तर विभाग एवं अंगीभूत महाविद्यालय के आकस्मिक मद में 85 करोड़ 41 लाख 41 हजार 753 मात्र रुपए का प्रावधान किया गया है।

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चतुर्थ खंड के अंतर्गत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के लिए विभिन्न बकाए मद में 5 अरब 12 करोड़ 41 लाख 91 हजार 665 का प्रावधान किया गया है। पंचम खंड के अंतर्गत विश्वविद्यालय कार्यालय, स्नातकोत्तर विभाग, अगीभूत महाविद्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति, केंद्रीय पुस्तकालय के लिए पुस्तक क्रय, स्वास्थ्य केंद्र हेतु उपकरण एवं दवा क्रय के लिए 1 अरब 19 करोड़ 58 लाख 86 हजार 500 मात्र का उपबंध किया गया है। छठा खंड के अंतर्गत विश्वविद्यालय कार्यालय, स्नातकोत्तर विभाग, अंगीभूत महाविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स पर नियुक्त कर्मी अंशकालीन अतिथि-शिक्षक के रूप में नियुक्त एवं विश्वविद्यालय द्वारा निकाले गए विज्ञापन के आधार पर नियुक्त होने वाले अंशकालीन अतिथि-शिक्षकों तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित नए राजकीय डिग्री महाविद्यालय बेनीपुर पर होने वाले वार्षिक व्यय में कुल 64 करोड़ 24 लाख 36 हजार 656 मात्र का उपबंध किया गया है। सप्तम खंड के अंतर्गत वित्तीय-वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित व्यय 17 अरब 44 करोड़ 40 लाख 94 हजार 331 मात्र एवं विश्वविद्यालय के निजी स्रोत कुल आय पचासी करोड़ 22 लाख 40 हजार 114 रुपए अनुमानित है। इस तरह विश्वविद्यालय के निजी स्रोत से प्राप्त होने वाले आय के सामंजन के पश्चात 16 अरब 59 करोड़ 18 लाख 54 हजार 217 मात्र का उपबंध किया गया है। प्रति कुलपति प्रो० डाॅली सिन्हा द्वारा प्रस्तुत बजट प्रस्ताव को सीनेट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया। सीनेट बैठक की अगली कड़ी में सीनेट सदस्यों के द्वारा कुल 23 प्रस्ताव लाए गए जिसे सीनेट सदस्यों ने सर्वसम्मति से अपनी सहमति प्रदान की। अंत में सीनेट के सदस्यों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके साथ ही राष्ट्रगान के साथ सीनेट की बैठक समाप्त हुई। ज्ञातव्य हो कि आज की ऑनलाइन बैठक में कुल 86 सीनेटरों ने भाग लिया।

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