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July 14, 2022

अनुशासन के बिना मानवीय जीवन पशुवत : अशोक गारा।

दरभंगा: विद्यार्थी ही नहीं हर मनुष्य के जीवन में अनुशासन की महत्ता रही हैं। अनुशासन के बिना मानवीय जीवन पशुवत है। वैसे विद्यार्थियों के लिए यह अत्यधिक जरूरी है, क्योंकि विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत स्कूल से होती है। यदि स्कूल से ही विद्यार्थी अनुशासन का पालना करते है।तब विद्यार्थी ना सिर्फ सफलता हासिल करता है, बल्कि आगे जाकर एक आदर्श नागरिक भी बन सकता है। जो विद्यार्थी अनुशासन का पालना करते है उनका संस्कार निखरता है।अनुशासन से ही एक सफल व्यक्ति और आदर्श इंसान का निर्माण संभव है।

उक्त बातें राजकीय मध्य विद्यालय, बलभद्रपुर के प्रधानाध्यापक अशोक कुमार गारा ने स्वयंसेवी संस्था डॉ० प्रभात दास फाउण्डेशन के द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में कही। आगे उन्होंने विषय प्रवेश कराते हुए, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की महत्ता को रेखांकित कर बताया कि भारतवर्ष में वैदिक काल से ही छात्रों के लिए कठोर अनुशासन पद्धति लागू रहा है। आधुनिक शिक्षा पद्धति में कठोर अनुशासन का वैसे तो लोप हो गया है फिर भी उन्हीं विद्यार्थियों का जीवन सफल बन पाता है जो अनुशासित जीवन बीताते हैं।

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भाषण में सृष्टि कुमारी, राजनंदनी कुमारी, सौम्या कुमारी, सुप्रिया कुमारी, शीतल कुमारी, साक्षी कुमारी, आरती कुमारी, भोला कुमार और राजा कुमार को क्रमशः प्रथम से दसवें स्थान के पुरस्कृत किया गया। साथ ही 10 अन्य विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया।

बच्चों को पुरस्कृत करते हुए फाउण्डेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने बताया कि फाउण्डेशन की इस प्रकार की गतिविधियों का मूल उद्देश्य उनकी नैसर्गिक प्रतिभा को निखारना है।भाषण एक कला है और सफल विद्यार्थियों को इसमें निपुण होना चाहिए। जल्द ही फाउण्डेशन के द्वारा अन्य विद्यालयों में ऐसी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

कार्यक्रम में शिक्षिका रीता कुमारी, सुदीपा कुमारी, फाउण्डेशन के अनिल सिंह आदि मौजूद थे।

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