Home Featured संस्कृत विभाग में अध्यक्ष के रूप में डॉ० घनश्याम महतो ने किया योगदान।
September 1, 2022

संस्कृत विभाग में अध्यक्ष के रूप में डॉ० घनश्याम महतो ने किया योगदान।

दरभंगा: विश्वविद्यालय के आदेशानुसार जेएमडीपीएल महिला कॉलेज, मधुबनी के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने आज विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष रूप में कार्य प्रारंभ किया। सर्वप्रथम उन्होंने कुलसचिव के समक्ष योगदान किया, जहां कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह तथा कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद ने उन्हें विभाग एवं छात्रहित में काम करने का निर्देश देते हुए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। तत्पश्चात् पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जीवानन्द झा से विभागाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो मंजू राय, उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो मो आफताब अशरफ, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा रुद्रकांत अमर, संस्कृत विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रथम डा दीनानाथ साह, विभागीय शिक्षक डा आर एन चौरसिया व डा ममता स्नेही, डा विकास सिंह, डा राजीव कुमार, डा मोना शर्मा, डा अखिलेश कुमार सिंह, डा रवि कुमार राम, डा कुलानंद यादव, डा गुलाम सरवर, डा मोतिउर रहमान, डा मृणाल कांति राय सरकार, शोधार्थी- बालकृष्ण कुमार सिंह, सदानंद विश्वास, मनीष पुष्पक घोष, संदीप घोष व सोनाली मंडल, धीरजकांत झा, ज्योतिन्द्र कुमार विश्वकर्मा, विभागीय कर्मी- मंजू अकेला, उदय कुमार उदेश व योगेन्द्र पासवान सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित थे।

नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो ने विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव एवं उप कुलसचिव द्वितीय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं सब लोगों के सहयोग से विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार विभाग एवं छात्रों के हित में अध्ययन- अध्यापन एवं शोध कार्य को प्राथमिकता दूंगा। शिक्षकों एवं छात्रों से सीधा संवाद कर शैक्षणिक व सामाजिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करवाऊंगा।

निवर्तमान विभागाध्यक्ष प्रो जीवानन्द झा ने स्वागत करते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि विगत डेढ़ वर्षों में विभाग 2 शिक्षकों के बल पर अनेक शैक्षणिक समारोहों का आयोजन किया है। अब 4 शिक्षकों के हो जाने से विभागीय कार्य सुगमता पूर्वक ज्यादा होंगे। साथ ही शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। अंग्रेजी की विभागाध्यक्षा प्रो मंजू राय ने कहा कि नए विभागाध्यक्ष बुद्ध की तरह शांत भाव से सबके सहयोग से बेहतर कार्य करेंगे। उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो मो आफताब अशरफ ने कहा कि व्यक्ति अपने कर्मों से जाना जाता है। आशा करता हूं कि नए अध्यक्ष अपने सहयोगियों से बेहतरीन संबंध रखते हुए अच्छा काम करेंगे।

संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रथम डा दीनानाथ साह ने आशा व्यक्त किया कि सबके सकारात्मक सहयोग से विभाग बेहतरीन कार्य करेगा। उन्होंने अपनी ओर से हरसंभव मदद की पेशकश की।

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विभागीय प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि विश्वविद्यालय से आदेश प्राप्त कर नए विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में विभाग में कर्मकाण्ड, यौगिक साइंस व बौद्ध अध्ययन आदि छात्रोपयोगी सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्सों की पढ़ाई प्रारंभ करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि विभाग में जीवंतता बढ़ सके। विभागीय सेमिनारों, वेबीनारों, कार्यशालाओं एवं व्याख्यानों आदि के आयोजन के साथ ही विभागीय शोध- पत्रिका का भी प्रकाशन प्रारंभ किया जाएगा।

संस्कृत- प्राध्यापक डॉ विकास सिंह ने कहा कि शोध समाजोपयोगी होना चाहिए, जिसके लिए विभाग द्वारा शोध- प्रारूप एवं शोध- प्रबंध लेखन से संबंधित कार्यशाला आयोजित की जाएं। शोधार्थी का अपने पर्यवेक्षक से निकट एवं लगातार सम्पर्क हो।

अवसर पर विभागीय शिक्षकों- कर्मियों एवं शोधार्थियों- विद्यार्थियों की ओर से नए विभागाध्यक्ष को पुष्पगुच्छ, मोमेंटो एवं पाग- चादर आदि से अभिनंदन किया गया, जबकि हाल ही में विभाग में पदस्थापित डॉ० आरएन चौरसिया को बुद्ध की छायाचित्र देकर तथा संस्कृत विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रथम डा दीनानाथ साह को भी पाग, चादर एवं मोमेंटो प्रदान कर स्वागत किया गया।

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