अपहृत की बरामदगी केलिए चार दिनों से भूखे प्यासे धरना पर बैठे परिवार की सुधि तक लेने नही आया प्रशासन!
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दरभंगा: बिहार में सुशासन के तमाम दावों को धत्ता बताने की जिम्मेवारी लगता है खुद सुशासन की पुलिस ने ही ले ली है। इस सरकार में अपहरण और हत्या की आशंका जैसे मामले में पुलिस द्वारा न्याय नहीं मिलने के कारण पूरा परिवार को आमरण अनशन पर बैठना पड़ता है लेकिन पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता ऐसी की चार दिनों से न्याय की आस में आमरण अनशन पर बैठे बूढ़े मां – बाप के साथ पूरे परिवार की सुधि लेने तक कोई अधिकारी नहीं आये।
दरअसल पूरा मामला जिले के बिरौल थानाक्षेत्र का है जहा इसी वर्ष के चार मई को कर्मचारी के निजी मुंशी देकुली धाम निवासी कृष्ण कुमार शर्मा को घर से अमित राय नाम के व्यक्ति अपने घर बुलाता है, लेकिन कृष्ण कुमार शर्मा इसके बाद लौट कर घर नहीं आता है। उसी दिन शाम तक़रीबन सात बजे कृष्ण कुमार शर्मा के भाई विष्णुदेव शर्मा के मोबाइल पर एक मैसेज आता है कि भाई की सुरक्षा चाहते हो तो पांच लाख रूपये मधुबनी स्टेशन लेकर आओ। पुलिस को इसकी सूचना दी तो भाई की जान चली जायेगी। हलाकि चौकाने वाली बात यह है कि जिस मोबाइल नंबर से मैसेज आया, वह नंबर कृष्ण कुमार शर्मा का ही था। ऐसे में पुरे परिवार के होश उड़ गए। आनन फानन में इसकी सूचना बिरौलरौल थाने को दी गयी। पुलिस ने भी अपहरण और हत्या की आशंका वाले आवेदन पर कांड संख्या 149/23 दर्ज़ कर लिया, लेकिन जांच के नाम पर आज तक कोइ सफलता पुलिस को नहीं मिली। पुलिस न तो अपराधी को खोज पाई न ही लापता कृष्ण कुमार शर्मा को ही बरामद कर पाई है | ऐसे में दरभंगा से लेकर पटना तक अपनी फरियाद को लेकर अधिकारियो के पास चक्कर लगा लगा कर थक चुका परिवार अब दरभंगा मुख्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गया है। इस आमरण अनशन में कृष्ण कुमार के बूढ़े पिता विनोद शर्मा, भाई विष्णुदेव शर्मा के अलावा माँ , पत्नी और बेटी भी शामिल है।
परिजनों ने बताया कि मामले में जब पुलिस की तरफ से कोई कारवाई नहीं हो रही थी तो ये लोग स्थानीय जदयू विधायक विनय चौधरी और दरभंगा के भाजपा सांसद गोपालजी ठाकुर से भी गुहार लगाने गए थे। पर कोई फायदा नहीं हुआ।
धरना पर बैठे लापता कृष्ण कुमार शर्मा के बूढ़े पिता विनोद शर्मा ने बताया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और इस अपहरण में तीन लोग शामिल है। इनके नाम अमित राय, सुभाष महाराज और नीरज है। उन्होंने शंका जताते हुए अपहरण के कारण को भी बताया। विनोद शर्मा ने अमित राय के बारे में कहा कि अमित राय को उनके बेटे कृष्ण कुमार शर्मा ने करीब पांच लाख रूपये दिए थे जो उसने बेटी की शादी के लिए जमा कर रखा था। उन्होंने बताया कि दो लाख चेक के माध्यम से दिए जबकि दो लाख कैश दिया गया था। इसके अलावा कर्मचारी के दूसरे निजी मुंशी सुभाष महारज के विषय मे बताया कि सुभाष महाराज के साथ शुरुआती दौर में उनका बीटा कृष्ण कुमार शर्मा जमीन का रशीद काटने का काम करता था। लेकिन सुभास महाराज लोगो से पैसे लेकर फ़र्ज़ी रसीद काटता था। इसका विरोध लगातार उनका बेटा कृष्ण कुमार करता था। ऐसे में दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। बाद में उनका बेटा यह काम अकेले करने लगा, जिस कारण सुभाष महाराज नाराज चल रहा था और उनके बेटे को इसका अंजाम भुगतने की धमकी भी दे चुका था। तीसरा संदिग्ध इसी के मित्रमंडली से है, जिसका नाम नीरज है। यही कारण है कि उन्हें इन्ही तीनो पर अपहरण कर लेने का शक है ताकि कृष्ण कुमार के पैसे भी पचा जाए और दुश्मन भी समाप्त हो जाए। उन्होंने पुलिस की जांच पर सवाल भी खड़े करते हुए कहा कि कई सबूत देने के वावजूद पुलिस अब तक उनके बेटे को नहीं खोज पाई। केवल आज कल आज कल कर पुलिस ने सिर्फ समय बर्बाद किया।
कृष्ण कुमार की बूढ़ी मां हर आने जाने वालों से अपने बेटे के बरामदगी की भीख मांगती दिखती है। उनका कहना है कि यदि उनका बेटा नही मिला तो वह घर लौट कर नही जाएगी। जिला मुख्यालय में ही डीएम-एसएसपी के दरवाजे पर जान दे देगी, पर बिना बेटा को लिए घर नही जाएगी।
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