मिथिला में ही मैंने राजनीति का ककहरा सीखा, राजनीति में काम ही याद रहता है : संजय झा।
दरभंगा: शनिवार को बिरौल में आयोजित कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री सह सूचना जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने जनसंवाद कार्यक्रम में क्षेत्र में बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही कहा
उन्होंने कहा कि मिथिला मैं ने मिथिला में जमीनी राजनीति का ककहरा सीखा है। पहले एमएलसी और फिर मंत्री बनने पर क्षेत्र में विकास के कई उल्लेखनीय कार्य कराये हैं। उन्होंने कहा कि उनका स्पष्ट मानना है कि राजनीति में लोगों के काम ही याद रखे जाते हैं। ललित बाबू के निधन के बरसों बाद भी लोग उनके काम को याद करते हैं।
आगे उन्होंने ने कहा कि कमला बलान दायां तटबंध का जयदेवपट्टी से रसियारी तक उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कराने साथ उसे मोटरेबल बनाया जा रहा है। इससे बड़ी आबादी को बाढ़ से स्थाई सुरक्षा मिलने के साथ-साथ आवागमन का एक वैकल्पिक मार्ग भी मिल जाएगा।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि दशकों से लंबित पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का मधुबनी जिले में काफी काम हुआ है। अब दरभंगा और समस्तीपुर जिले के बड़े इलाके में इसके विस्तार की तैयारी चल रही है। जल संसाधन विभाग पूरे मिथिला में सिंचाई क्षमता के सृजन और बाढ़ प्रबंधन के लिए तत्परता से काम कर रहा है। मुख्यमंत्री के सात निश्चय 2 में घोषित हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लक्ष्य को वर्ष 2025 तक पूरा करने के लिए पांच संबंधित विभाग योजनाओं को धरातल पर उतारने में जुटे हैं।
श्री झा आगे कहा कि मिथिला का विकास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकता में शामिल है। एयरपोर्ट की मांग बिहार के कई प्रमुख शहरों से हो रही थी, लेकिन नीतीश कुमार ने तय किया कि उड़ान स्कीम के तहत मिला एयरपोर्ट दरभंगा में बनेगा। उन्होंने कहा कि उड़ान स्कीम की शुरुआत करते वक्त कहा गया था कि अब हवाई चप्पल वाला भी हवाई जहाज से उड़ेगा। इस स्कीम की उड़ानों के लिए केंद्र सरकार छूट भी देती है तो फिर दरभंगा एयरपोर्ट से दिल्ली का किराया पटना से दिल्ली की तुलना में काफी अधिक कैसे हो जा रहा है और पर्व-त्योहार के दिनों में यह किराया 35,000 रुपए तक कैसे पहुंच जा रहा है केंद्र सरकार को अधिकतम हवाई किराया की एक सीमा तय करनी चाहिए।
उन्होंने ने कहा कि बिहार को जब दूसरा एम्स मिला था, राज्य सरकार को तय करना था कि यह किस शहर में बनेगा, क्योंकि उसके लिए जमीन राज्य सरकार को देनी थी, मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमसीएच के बाद सबसे पुराना अस्पताल डीएमसीएच है, इसलिए एम्स भी पटना के बाद दरभंगा में बनेगा। दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए पिछले दिनों डीएमसीएच की आवश्यक जमीन एम्स को ट्रांसफर कर दी गई है। दरभंगा में एयरपोर्ट के बाद एम्स का निर्माण से मिथिला में विकास को नई गति मिलेगी।
श्री झा ने कहा कि गया में पिंडदान एवं तर्पण के लिए देश-विदेश से हर साल लाखो श्रद्धालु आते हैं। लेकिन, प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में जल सूख जाने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके समाधान के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने देश का सबसे बड़ा रबर डैम निर्धारित समय से एक साल पहले पूरा करा लिया है। इस वर्ष चालू पितृपक्ष मेले में आने वाले श्रद्धालु इसका लाभ उठा रहे हैं।
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