एड्स की रोकधाम के लिए अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने की जरूरत : डॉ मिश्रा।
दरभंगा: एड्स के मरीजों के इलाज में डीएमसीएच का एआरटी सेंटर महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। नियमित रूप से इलाज करा रहे एक भी मरीज की पिछले एक साल के दौरान जिले में मौत नही हुई है। एड्स की रोकधाम के लिए अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
उपरोक्त बातें डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा ने कहीं। वे गुरुवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर एआरटी सेंटर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जरा सी नादानी कर अभी भी लोग एड्स की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी की गंभीरता को लेकर खासकर अन्य प्रदेशों में काम कर रहे मजदूरों में जागरूकता की अभी भी कमी है। फिलहाल जो मरीज पाए जा रहे हैं, इनमें अधिक संख्या बाहर काम करने वाले मजदूरों की होती है। असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करना एड्स का सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
एआरटी सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ. प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि अभी भी महीने में एचआईवी के करीब दो दर्जन मरीज सामने आ रहे हैं। लोगों को समझना होगा कि एड्स बहुत ही खतरनाक बीमारी है। इसकी चपेट में आने से लोगों के शरीर की इम्यूनिटी बेहद कमजोर हो जाती है। इस वजह से उनका शरीर विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है। एचआईवी व एड्स से लोगों को बचाने के लिए गांव-गांव तक जागरूकता अभियान में तेजी लाने की जरूरत है।
एआरटी सेंटर की प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनामिका सिन्हा ने कहा कि एड्स पीड़ित मरीजों की मदद के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। बेहतर खान-पान के लिए उन्हें हर महीने सहायता राशि दी जा रही है। मरीजों के प्रति अब समाज का नजरिया भी बदला है।
इस मौके पर कई एड्स पीड़ित मरीजों के बीच फल का वितरण किया गया। साथ ही उनकी चिकित्सीय जांच भी की गई।
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