जाति आधारित जनगणना में महापात्र जाति की अलग कॉलम के लिए संघ ने सौंपा ज्ञापन।
दरभंगा : बिहार राज्य महापात्र संघ के जिलाध्यक्ष मनोज महापात्र एवं भरत महापात्र केे नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिलाधिकारी को जाति आधारित जनगणना में महापात्र जाति का कॉलम अंकित करने को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
दिए गए ज्ञापन में संघ की ओर से कहा गया है कि महापात्र महाब्राम्हण जाति- सनातन धर्मावलम्बियों के अंतिम संस्कार अर्थात श्राद्ध कर्म कराने हेतु उस पेशा में सम्मिलित व संलिप्त है। इस कर्मकाण्ड में महापात्र जाति के 80% प्रतिशत लोग सम्मिलित है। फलस्वरूप यह जाति, शैक्षणिक आर्थिक व समाजिक रूप से पिछड़ेपन के शिकार है।
आगे संघ के ज्ञापन में दावा किया गया है कि भारत के तत्कालिन प्रधानमंत्री बीपी सिंह व बिहार प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ० जगन्नाथ मिश्र के समय में मंडल कमीशन लागू हुआ। उस समय जातिगत आरक्षण की श्रेणी में (महापात्र को अपभ्रंश) कन्टाहा जाति भी इसमें सम्मिलित है, बिहार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में महापात्र जाति को भिन्न-भिन्न नामों अथा- महाब्राम्हण, कन्टाहा बाबा, गया बाबा, पूज्य ब्राम्हण इत्यादी सम्मानित अथवा अपमानित नामों से संबोधित किया किया जाता है।
वहीं संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर कृपानाथ महापात्र ने बताया कि जातीय जनगणना में संघ की ओर से जिलाधिकारी दरभंगा को ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इसको लेकर संघ के द्वारा और आंदोलन तेज किया जाएगा।
इस दौरान सुबोध महापात्र, भरत महापात्र, रामप्रकाश महापात्र, अमरजीत महापात्र आदि मौजूद थे।
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