केंद्रीय कमेटी ने भी डीएमसीएच में एम्स निर्माण को नहीं दी थी हरी झंडी, नेताओं की जिद पर हुई थी अनुशंसा।
दरभंगा: दरभंगा एम्स को डीएमसीएच परिसर से अशोक पेपर मिल की जमीन पर स्थांतरित करने को लेकर पूर्व विधायक व राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव के दावे के बाद इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है। महागठबंधन के नेता एम्स को डीएमसीएच की जमीन से स्थांतरित करने के निर्णय की खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं।
वहीं राजग नेता इसे मरीजों के साथ साजिश का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक सरकार का वक्तव्य सामने नहीं आया है। वहीं दूसरी ओर डीएमसी पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन ने खुलकर एम्स को अशोक पेपर मिल परिसर में स्थांतरित करने के दावे को अपना पूरा समर्थन दिया है। उनका कहना है कि इससे डीएमसीएच का अस्तित्व भी बचेगा।
हालांकि डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण में शुरू से दिक्कते रही हैं। पर राजीनीतिक फायदे केलिए राजनेताओं द्वारा इसकी घोषणा करवाकर श्रेय लेने की होड़ लगी रही।
बताते चलें कि केंद्र सरकार की ओर से एम्स निर्माण को लेकर यहां भेजी कई पहली कमेटी ने डीएमसीएच की जमीन पर निर्माण को हरी झंडी नहीं दी थी। अपनी रिपोर्ट में कमेटी की ओर से कहा गया था कि डीएमसीएच की जमीन पर जलजमाव की समस्या बनी रहती है। इस वजह से वहां बड़े स्तर पर मिट्टीकरण की जरूरत पड़ेगी।
इसके अलावा कमेटी ने कहा था कि वहां कई हेरिटेज बिल्डिंग अवस्थित हैं। कमेटी की रिपोर्ट के बाद डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण लगभग खारिज कर दिया गया था। हालांकि राजनीतिक हस्तियों के अनुरोध पर जायजा लेने के लिए केंद्र से दोबारा कमेटी भेजी गई थी। कमेटी की ओर से डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण की अनुशंसा की गई थी।
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