Home Featured मुख्यमंत्री को सुझाव पत्र सौंपेंगे तालाब बचाओ अभियान के सदस्य।
2 weeks ago

मुख्यमंत्री को सुझाव पत्र सौंपेंगे तालाब बचाओ अभियान के सदस्य।

दरभंगा: तालाब बचाओ अभियान के तत्वावधान में प्रो. विद्यानाथ झा की अध्यक्षता में मैथिली साहित्य परिषद्, दिग्घी के परिसर में बैठक आहुत की गई। निर्णय लिया गया कि जल, जलाशय एवं पर्यावरण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित कार्यक्रम में निवेदन सह सुझाव पत्र सौंपा जाय। राज्य स्तर पर एक एक जलाशय प्राधिकार का गठन हो, जो तालाब, झील, नदी, नाला, आहर, पाइन, चौर आदि सार्वजनिक जलाशयों को बचाने के लिए कार्य करे। इस प्राधिकार के पोर्टल पर जिला, प्रखंड, पंचायत और ग्राम स्तर पर उपलब्ध सार्वजानिक जलाशयों का विवरण हो।

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यह प्राधिकार बिहार स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, जल संशाधन विभाग, पर्यावरण विभाग, बिहार स्टेट पॉल्युसन कण्ट्रोल बोर्ड, लघु सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन, प्रखंड प्रशासन, पुलिस विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग से समन्वय कर सार्वजानिक जलाशयों को बचाने के लिए प्रभावशाली ढंग से कार्य करे। इस प्राधिकार का व्हट्सएप नम्बर, मेल आईडी, फेसबुक आदि हो जिस पर लोग सार्वजानिक जलाशयों के अतिक्रमण आदि की शिकायत कर सके एवं उनके शिकायतों का समाधान 3 महीना के अंदर किया जाय।

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सार्वजानिक जलाशयों को बचाने के लिए जिला स्तर पर भी एक सिंगल विंडो समाधान केंद्र बने जो 3 महीना के अंदर अतिक्रमण वाद चलाकर सार्वजानिक जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त करे। वर्तमान में अंचलाधिकारी के कोर्ट से प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट के बीच भू-माफिया सार्वजानिक जलाशयों के अतिक्रमण के केस को 10-15 सालों तक उलझा देता है, जिसके कारण ही दरभंगा शहर में 100 से अधिक सार्वजानिक जलाशयों का अतिक्रमण हो चुका है और अभी भी किया जा रहा है। सार्वजानिक जलाशयों को बचाने से संबंधित विभाग और पदाधिकारियों का समय-सीमा के अंतर्गत कार्य निष्पादन करने की जिम्मेदारी तय हो।

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साथ ही तालाब, झील और वेटलैंड को पुनर्जीवित और सौन्दर्यीकरण के लिए राज्यस्तरीय एक गाइडलाइन्स बने जिसमें स्थानीय जैव-विविधता, जलाशय के इकोसिस्टम और मौसम परिवर्तन आदि को ध्यान में रखकर संरचनात्मक हस्तक्षेप करने की दिशा निर्देश हो। वर्तमान में जहां कहीं भी तालाब के सौन्दर्यीकरण या पुनर्जीविकरण के लिए जो योजना चलाया जा रहा है, वे सब मनमाने ढंग से किया जा रहा है और सौन्दर्यीकरण के नाम पर बड़े स्तर पर विनाशकारी हस्तक्षेप किया जा रहा है, जिसपर अविलम्ब रोक लगे। माननीय सर्वोच्च न्यायलय, उच्च न्यायालय, पटना और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के आलोक में बिहार सरकार ने सार्वजानिक जलाशयों को बचाने के लिए कई आदेश और दिशा निर्देश दिए हैं। इन आदेशों के आलोक में सार्वजानिक जलाशयों के वर्तमान स्थिति पर एक सोशल आॅडिट कराया जाय।

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वहीं सार्वजानिक जलाशयों को अतिक्रमण करने वाले भू-माफियाओं को दण्डित करने के लिए कानून बने जिसमें कठोर दंडात्मक प्रावधान हो। दरभंगा शहर के मन पोखर के अतिक्रमणकारी ने 30 से ज्यादा तालाबों का अतिक्रमण कर चुका है, लेकिन उस पर अभी तक दंडात्मक कारवाई नही हुई है। साथ ही, नदी, झील, तालाब आदि को एक जीवित इकाई घोषित किया जाय। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के आलोक में हराही, दिग्घी और गंगा सागर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाय एवं इनके पुनर्जीविकरण, सौन्दर्यीकरण एवं एकीकरण के लिए 1960 में एक शानदार योजना बनाया गया था, उस पर अमल करने के लिए दरभंगा नगर निगम को आदेश दिया जाय। साथ ही हराही और दिग्घी तालाब के बीच पार्क के लिए चिन्हित स्थल पर से अतिक्रमण को हटाने के लिए आदेश दिया जाय। बैठक में डॉ. अवनिन्द्र कुमार झा, डॉ. शारदा नन्द चौधरी, डॉ. अशोक कुमार सिंह, प्रकाश बंधू, जय शंकर प्रसाद गुप्ता, इंदिरा कुमारी, अजीत कुमार मिश्र, अविनाश भास्कर, नारायण जी चौधरी, तसीम नवाब, नाजया प्रवीण, विकास शर्मा, जयंत कुमार, भाग्य नारायण, आभूषण पाठक आदि उपस्थित थे।

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