Home Featured प्राचीन सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी।
4 weeks ago

प्राचीन सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी।

दरभंगा: शिव व शक्ति की उपासना के लिए मिथिला सदियों से विख्यात रहा है। मिथिला का शायद ही कोई गांव ऐसा हो जहां शिव का मंदिर मौजूद न हो। मनीगाछी प्रखंड अंतर्गत पंचायत राज टटुआर के बिशौल गांव में अवस्थित प्राचीन सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। भक्तों का मानना है निर्मल मन से बाबा सिद्धेश्वर नाथ के दरबार में हाजिरी लगाने वालों के मन की मुराद निश्चय ही सिद्ध होती है।

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मंदिर में लगे शिलापट्ट के अनुसार नर्मदा कुंड से प्राप्त शिव दंपति व गणेश की मूर्ति के साथ शिवलिंग की स्थापना 1763 शाके की चैत्र शुक्ल दशमी बृहस्पति को महान शिव उपासक एवं अपने समय के प्रकांड विद्वान सिद्धेश्वर नाथ मिश्र ने की। जानकार बताते हैं कि यहां स्थापित तीनों मूर्तियों में से दो मूर्तियां गिरजापति भगवान शिव की सायुज्य मुक्ति की प्राप्ति के लिए तथा तीसरी गणेश की मूर्ति के साथ शिवलिंग की स्थापना सकल अभिलाषित मनोकामना की शीघ्र प्राप्ति के लिए की गई है। मंदिर में प्रवेश करते ही यहां स्थापित शिवलिंग भक्तों को विशेष रूप से आकर्षित करता है।

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 समय के प्रवाह में खंडहर में तब्दील हो चुके इस मंदिर का वर्ष 1982 में ग्रामीणों ने एकजुट होकर जीर्णोद्धार कराया और तब से बड़े ही धूमधाम के साथ यहां तीन दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया जाता है। सिद्धेश्वर नाथ महादेव के प्रति बिशौल व टटुआर सहित आसपास के पड़ोसी गांव के लोगों में आस्था का भाव इस कदर है कि शिवरात्रि के अवसर पर सैकड़ों कांवड़िया सिमरिया से पैदल गंगाजल लाकर यहां जलाभिषेक करते हैं। जिसमें सभी जातियों के बच्चे, बूढ़े और महिलाएं शामिल होते हैं।

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 महाशिवरात्रि में यहां शिव की बारात आस-पास के गांवों से हजारों की संख्या में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तथा भूत-पिशाच आदि की झांकी के साथ यहां पहुंचती है। शिवरात्रि में चारों पहर शिव विवाह की पूजन रस्म अदायगी किया जाता है।

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मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया प्रो जीवकांत मिश्र ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर बुधवार को प्रातः काल आकर्षक कलश यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें कुमारी कन्याओं द्वारा कलश में जल लिए सिमरिया से पैदल गंगाजल लाने वाले सैकड़ों कांवड़ियों की अगुवाई गांव की सीमा से ढोल-नगाड़े के साथ की जाएगी। जबकि शिवरात्रि में चारों पहर शिव विवाह की पूजन रस्म अदायगी की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रबंधन समिति द्वारा शिवरात्रि के मौके पर इस वर्ष कथावाचक पं योगीन्दर मिश्र के श्रीमुख से लगातार नौ दिनों तक श्रीमद् देवी भागवत कथा वाचन का भक्तिमय आयोजन किया जा रहा है।

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