राष्ट्रीय लोक अदालत आपसी विवादों के स्थाई समाधान का सर्वोत्तम साधन: जिला जज।
दरभंगा: सिविल कोर्ट दरभंगा के प्रांगण में अन्तरराष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिनोद कुमार तिवारी, डीएम राजीव रोशन,ग्रामीण एसपी आलोक, एडीजे सुमन कुमार दिवाकर, रविशंकर कुमार, श्रीराम झा, उपेंद्र कुमार, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविशंकर प्रसाद, महासचिव कृष्णकुमार मिश्रा आदि सामुहिक रुप से किया।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार का अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि छोटे-छोटे विवाद सामाजिक विकास के मार्ग में बाधक हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत आपसी विवादों के स्थाई समाधान का सर्वोत्तम साधन है। इसके माध्यम से निष्पादित मामलों में न तो कहीं अपील होती है और न ही इसमें कोई शुल्क हीं लगता है। लोक अदालत में हमेशा हीं पक्षकारों की जीत होती है। इसमें किसी की हार नहीं, क्योंकि पक्षकारों के बीच समझौता के बाद आपसी कटुता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि स्पर्धा के इस दौड़ में विश्व के सभी विकासशील देशों में बिबाद निपटारे के वैकल्पिक उपायों का उपयोग हो रहा है। आंकड़े साक्षी हैं, कि हमारे देश में भी मध्यस्थता प्रणाली, और लोक अदालतों के आयोजन का सुखद परिणाम लोगों को मिल रहा हैंं। आवश्यकता इस बात की है, कि लोग इसे समझें तथा अनावश्यक मुकदमों के जंजाल को आपसी समझौता कर,लोक अदालत का लाभ उठावें और विकास की मुख्यधारा से जुड़ें।

डीएम सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष राजीव रौशन ने कहा कि मिथिला हमेशा से ज्ञान विज्ञान की धरती रही है। यहां के लोग शांतिप्रिय और अपनी परंपराओं को मानने वाले हैं। आपस में समझौता हमेशा कल्याणकारी है। लोक अदालत लोगों की अपनी अदालत है। लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन एसीजेएम करुणा निधि प्रसाद आर्य और मोहिनी कुमारी ने संयुक्त रुप से किया। मौके पर सीजेएम मो. जूनेद आलम, प्राधिकार के सचिव रंजनदेव, राघव, आरती कुमारी समेत सभी न्यायिक पदाधिकारी और अधिवक्ता मौजूद थे।

लोक अदालत के 13 खंडपीठों में कुल 8272 मामलों का निष्पादन किया गया। वहीं संबंधित मामलों में 6 करोड़80 लाख 99 हजार 545. रुपये का सेटलमेंट किया गया।
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