जिलाधिकारी के समीक्षा में सर्पदंश के कई मामले पाए गए फर्जी, कानूनी कारवाई का निर्देश।
दरभंगा: समाहरणालय स्थित डॉ. आंबेडकर सभागार में शनिवार को डीएम राजीव रौशन की अध्यक्षता में जिले में सर्पदंश से हुई मौत के लिए मुआवजा भुगतान मामलों के निपटारे के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में 18 मामलों की समीक्षा की गयी।
इस दौरान एक-एक मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की समीक्षा की गयी व फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी रिपोर्ट से भी उसका मिलान किया गया। समीक्षा के दौरान कई मामले गलत पाये गये। प्रथम दृष्टया पोस्टमार्टम करने वाले डीएमसीएच के चिकित्सक ने कहा कि कई शव परीक्षण में सर्पदंश के दो चिन्ह भी नहीं पाए गये हैं, जैसा वांछनीय है। किसी-किसी शव में ब्लेड मारकर चिह्न बनाया गया है। उन शवों का एफएसएल रिपोर्ट से मिलान करने पर भी तथ्य सही नहीं पाया जा रहा है।
इस तरह का एक मामला जो बिरौल थाने से संबंधित है, उसमें मृत्यु जहर खाने से हुई है यह प्रमाणित हो चुका है। लेकिन मुआवजे के लिए सर्पदंश का मामला बनाकर दावा किया गया है। इस मामले में डीएम ने एसएसपी को संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध फर्जीवाड़ा करने के लिए कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि सर्पदंश से मृत्यु के मामले में पीड़ित व्यक्ति के आश्रित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है। डीएम ने बैठक में कहा कि यदि किसी की मृत्यु सर्पदंश से होती है तो तुरंत उसका पोस्टमार्टम करवाया जाए।बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, उप निदेशक, जनसम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रभारी पदाधिकारी आपदा सत्यम सहाय, भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर राकेश कुमार रंजन, भूमि सुधार उप समाहर्ता, बिरौल, बेनीपुर मो. यूनुस अंसारी, एफएसएल, मुजफ्फरपुर के अधिकारी, डीएमसीएच के संबंधित चिकित्सक, सभी सीओ व संबोधित थानाध्यक्ष उपस्थित थे।
भीषण गर्मी को देखते हुए मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा की गई प्याऊ की व्यवस्था।
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