सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मखाना अनुसंधान केंद्र को पुनः राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग उठायी।
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दरभंगा: दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने गुरुवार को लोकसभा में दरभंगा स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र को पुनः राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मखाना की उपज सिर्फ मिथिला क्षेत्र में होता है और यह इस क्षेत्र का प्रमुख फसल है। इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन एवं कैल्शियम पाया जाता है। इसकी महत्ता को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार द्वारा 28 फरवरी 2002 को मिथिला के केंद्र दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गयी थी। परंतु सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार ने 2005 में राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर केवल मखाना अनुसंधान केंद्र बना दिया, इस कारण इस केन्द्र में निदेशक का पद और मिलने वाला फंड दोनों समाप्त हो गया और यह केंद्र पूरी तरह पंगु हो गया।
श्री ठाकुर ने कहा कि पग-पग पोखर पान मखान के लिए प्रसिद्ध मिथिला जैसे जलीय क्षेत्र में इसका उत्पादन केवल 15 हजार हेक्टेयर दर्शाया गया था, जबकि इस क्षेत्र मखाना उत्पादन के लिए उपयोगी क्षेत्र लगभग 9.5 लाख हेक्टेयर से अधिक है जिसमें अधिकांश मखाना, कमल का फूल, मछली और सिंघाड़ा की खेती होती है।
श्री ठाकुर ने सदन के माध्यम से भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि (1) दरभंगा स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र को पुनः राष्ट्रीय दर्जा दिया जाए, (2) संस्थान के मुख्य संवर्धन कीट विज्ञान एवं पौधा संबंधित वैज्ञानिकों की नियुक्ति की जाए, (3) मखाना के उन्नत प्रयोगशाला खोलकर इसमें पुनः निर्देशक पद व कृषि इंजीनियर, प्रशासनिक व तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए, (4) खेतों में मखान के बीज निकालने हेतु मशीन तथा लावा बनाने हेतु प्रोटेबुल मशीन उपलब्धत कराया जाए साथ ही मखाना उत्पादन के लिए आधुनिक प्रशिक्षण दी जाए।
इसके अलावे सांसद श्री ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिला क्षेत्र के इस प्रमुख फसल के उत्पादन और इसके व्यापार को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कही है, जिससे विश्व के 25 देशों में मखाना की मांग बढ़ गयी है।
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