अकादमिक प्रशासन दुनिया के सभी प्रशासनों से भिन्न : कुलपति।
दरभंगा : ललितनारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि अकादमिक प्रशासन दुनिया के सभी प्रशासनों से भिन्न होते है। अन्य प्रशासनों में प्रशासक को अपने से न्यून पद धारकों पर शासन करना पड़ता है, परन्तु अकादमिक प्रशासन समकक्ष लोगों को साथ लेकर चलता है। कुलपति ने विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में विभागों के प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि बराबर की योग्यता, सामर्थ्य वाले लोग मंच पर भी हैं। और मंच के सामने भी। दोनों के बीच दूरी रहते हुए भी दूरी नहीं हैं। दोनों में एक और फर्क है सामने बैठे स्थाई हैं और मंच पर बैठे अस्थाई। उन्होंने कहा कि अस्थाई द्वारा स्थाई पर शासन होता है। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के लिए राष्टÑीय और अंतरराष्टÑीय मानक तय है। हमें अपनी उपलब्धियों के बदौलत उस मानक को पार करना होगा। उन्होंने कहा कि शैक्षिक क्षेत्र में पहचान बनाने के लिए श्रेष्ठतम गुणवत्ता उत्पन्न करने होंगे। प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिंहा ने कहा कि मिथिला की संस्कृति और कला समृद्ध है। विश्वविद्यालय की तरक्की के लिए हम सब मिल कर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नैक होने वाला है। इसमें 250 अंक अनुसंधान पर है। उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य में शोध की अपार सम्भावनाए हैं। बैठक की प्रारम्भ में कुलसचिव डॉ. मुस्ताक अहमद ने प्राचार्यों का स्वागत किया। इस मौके पर प्रो. चन्द्रभानु प्रसाद सिंह, प्रो. के. के. साहु, प्रो. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या, प्रो. नारायण झा, प्रो. विजय कुमार यादव आदि ने विचार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रतन कुमार चौधरी ने किया।
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