Home Featured मिथिला में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक का पर्व भातृद्वितीया।
November 16, 2020

मिथिला में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक का पर्व भातृद्वितीया।

दरभंगा: पूरे मिथिला क्षेत्र में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक का पर्व भातृद्वितीया पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। अलग अलग जगहों पर विधि-विधान में थोड़ी भिन्नता होती है। पर आशय समान होता है।
इस संबंध में बताते हुए सुंदरपुर निवासी डॉ0 प्रभाकर झा बताते हैं कि मिथिला के लोग कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भातृद्वितीया मनाते हैं। इसबार यह पर्व 16 नवम्बर सोमवार को मनाया जा रहा है। इस मौके पर बहनों से भाइयों के नोत लेने की परंपरा है। बच्चे ही नहीं बल्कि बुजुर्ग और वृद्ध भी अपनी बहनों के यहां नोत लेने जरूर जाते हैं। नोत यानी बहनों का आशीर्वाद। इससे बहनों का सौभाग्य बढ़ता है।
शुभंकरपुर निवासी बालेंदु झा बताते हैं कि ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यमराज ने भी इसी तिथि को अपनी बहन यमुना से नोत लिया था। इसलिए बहनें नोत लेने के समय कहती हैं ..यमुना नोतलन यम के हम नोतई छी अपन भाई के..जेना यमुना में पाइन बढ़े हमर भैया के अड़ुदा(आयु) बढ़े। भाइयों द्वारा बहनों को नोत लेने के बाद यथासंभव उपहार दिया जाता और बहनों के हाथों से भोजन ग्रहण किया जाता है। नोत लेने के दौरान एक बड़े से कठौत में पान, सुपारी, मखान, कोहरा के फूल आदि से तीन बार भाइयों के हाथों पर रखकर मंत्र पढ़ा जाता है। बाद में कठौत से अंकुरी (बजरी) निकाल कर बहन भाई को खिलाती हैं।

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