12 जनवरी से शुरू होगा दरभंगा महोत्सव।
दरभंगा: पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी दरभंगा महोत्सव का आयोजन 12 जनवरी से होने जा रहा है। इसी संदर्भ में रविवार को एलएनएमयू परिसर में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को महोत्सव के अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा, संयोजक विद्या भूषण राय, कोषाध्यक्ष अमित मिश्रा, विक्रम कुमार व आयशा खान ने संबोधित किया। अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा ने कहा कि दरभंगा महोत्सव दरभंगा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर एक परिदृश्य है। दरभंगा का अपना एक अतीत था जो बहुत ही सुनहरा था, जो धीरे-धीरे अब खत्म होने के कगार पर है। इसकी अपनी सांस्कृतिक, धरोहर की पहचान थी। आजादी से पूर्व व आजादी के बाद की तस्वीर की बात करें तो जहां एक ओर देश के कई पिछड़े इलाके जो पूर्णत: आज संपन्न हैं, हमारा इलाका जो संपन्न होते हुए भी आज इतना पिछड़ गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ कामेश्वरनगर अवस्थित चौरंगी पर 12 जनवरी को होगा। पांच दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन पाग शोभायात्रा से किया जाएगा। पाग शोभायात्रा 12 जनवरी को तीन बजे एमएलएसएम कॉलेज से आरम्भ होकर आयकर चौराहा होते हुए विश्वविद्यालय चौरंगी तक जाएगी। विद्या भूषण राय ने कहा कि 21 जनवरी को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह अब तक का सबसे बड़ा रक्तदान शिविर होगा। उसके बाद छात्रों के बीच 17 जनवरी को कर्पूरी प्रतिभा खोज प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को अपनी संस्कृति, धरोहर और अपनी विरासत की रक्षा करने के प्रति जागरूक करना है। दरभंगा के पास कई ऐसी धरोहर हैं जो संरक्षण के अभाव में खत्म होती जा रही है। बात दरभंगा लालकिले की जाए या चहादीवारी की, आज सब नष्ट होने के कगार पर है। इसकी चिंता न तो किसी राजनीतिक दल, स्थानीय प्रशासन और न ही यहां के लोगों को है। यहां की धरोहर को खत्म किया जा रहा है। अगर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठायी जाती है तो बहुत जल्द कई धरोहर पूर्णतया खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हर साल मिथिला महोत्सव के नाम पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं लेकिन दरभंगा महोत्सव के कार्यक्रम को आयोजित करवाने का एक विशेष उद्देश्य है कि दरभंगा की विरासत सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा हो सके। साथ ही हमारी संस्कृति का भी अलग महत्व है जिसे संरक्षित करने की जरूरत है। हम सभी दरभंगा वासियों के द्वारा इस विरासत धरोहर को उपेक्षित रखा जाता है। इसलिए अपने दरभंगा की गौरवशाली गाथा के 200 वर्षों के पुरानी तस्वीरों को चौरंगी पर प्रदर्शित की जाएगी, जिससे दरभंगा के आमजनमानस 200 वर्षों पहले खूबसूरत दरभंगा का दीदार कर सकेगा। दरभंगा के बुद्धजीवी वर्ग द्वारा धरोहरों के संरक्षण के लिए संगोष्ठी आयोजित की जाएगी और इस महोत्सव के माध्यम से धरोहरों को सहेजने की नव चेतना को एक नई दिशा दी जाएगी। आयशा खान ने कहा कि कार्यक्रम का अगला पड़ाव 24 जनवरी को छात्रों के बीच कैरियर कॉउंसिलिंग से की जाएगी जिसमें शिक्षा क्षेत्र से लेकर स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक क्षेत्र के नामी-गिरामी लोग अपनी बात छात्रों के बीच रखेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। महोत्सव का समापन 30 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों से किया जाएगा। प्रेस वार्ता में पुरुषोत्तम वत्स, अनीश चौधरी, वेदांत वत्स, गौतम चौधरी, ऋतुराज, प्रवीण झा, शैलेश चौधरी, सहगुफ्ता परवीन आदि थे।
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