Home Featured जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष, 10 से अधिक लोग घायल।
March 11, 2021

जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष, 10 से अधिक लोग घायल।

दरभंगा: बहादुरपुर थाना क्षेत्र के सिनुआर गांव में गुरुवार को दो पक्षों के बीच जमीन विवाद को लेकर जमकर मारपीट हुई। इसमें दोनों पक्षों के कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। एक पक्ष से छह और दूसरे पक्ष से चार लोग घायल हैं। दोनों पक्षों के कई लोगों की हालत गंभीर है। एक पक्ष के अमर किशोर झा, राजीव किशोर झा और दूसरे पक्ष के संतोष सिंह को बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर ने पीएमसीएच रेफर कर दिया है। अन्य लोगों का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है। पूरा मामला सिनुआरा गांव के नजरी चौर में स्थित पांच बीघे जमीन को लेकर है। वहां दो परिवारों के सदस्य उक्त जमीन का मालिक होने का दावा कर रहे हैं। दावेदारी को लेकर दोनों परिवारों के सदस्यों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। दोनों पक्षों की ओर से फरसा, लोहे का रॉड और लाठी-डंडा चलाया गया। एक परिवार के सदस्य दूसरे परिवार के लोगों की जान लेने पर उतारू हो गये। इस खूनी खेल में दोनों पक्षों के परिवारों के अधिकतर सदस्य बुरी तरह घायल हैं। एक पक्ष के घायलों की पहचान एपीएम थाना क्षेत्र के सोभेपट्टी निवासी स्व रघुवीर झा के पुत्र नवल किशोर झा (60), भाई जीवन किशोर झा (58), अमर किशोर झा (56), विजय किशोर झा (50), नवल किशोर झा के पुत्र रविश किशोर झा (28) और भाई राजीव किशोर झा (34) के रूप में की गयी। दूसरे पक्ष के घायलों की पहचान सिनुआरा निवासी स्व. राम पदारथ सिंह के पुत्र उमेश प्रसाद सिंह (65), पुत्र संतोष कुमार सिंह (39), सुंदन कुमार सिंह (17) और कुंदन कुमार सिंह (35) के रूप में की गयी। पहले पक्ष के सदस्य विजय किशोर झा ने बताया कि सुबह में हम सभी भाई मिलकर अपने खेत में तैयार मसूर दाल उखाड़ रहे थे तभी एकाएक उमेश प्रसाद और उसका बेटा संतोष सिंह, कुंदन सिंह, सुन्दन सिंह और उसके साथ कई अन्य लोग खेत में पहुंचकर हम लोगों को गली देने लगे और जब तक हम लोग कुछ समझ पाते लोहे के रॉड और लाठी-डंडे से पीटने लगे। इसमें हम पांचों भाई घायल हो गये। किसी तरह स्थानीय लोगों और परिजनों के सहयोग से हम लोगों को डीएमडीएच लाया गया। उन्होंने उमेश प्रसाद पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिसने जामीन बेची और मेरे पिता के नाम राजिस्ट्री की आज उन्हीं लोगों ने जमीन हथियाने के मकसद से हम लोगों पर जानलेवा हमला किया है। उक्त जमीन मेरे पिता जी ने 1988 में उमेश प्रसाद से खरीदी थी। उस जमीन की अभी तक की रसीद भी मेरे पिता के नाम से कटी है। इससे पूर्व भी उन लोगों द्वारा हम लोगों को धमकी दी जाती थी। इसको लेकर कोर्ट में मामला भी लंबित है। वहीं दूसरे पक्ष के उमेश प्रसाद ने बताया कि मेरे खेत से मेरे ही गांव के नवल किशोर झा, जीवन झा, अमर झा, राजीव झा, रवीश झा और विजय झा मसूर दाल की फसल लूट रहे हैं। इसकी जानकारी गांव के ही एक व्यक्ति ने मेरे मोबाइल पर फोन कर दी तो मैंने अपने बेटे से कहा कि खेत जाकर देखो कौन लोग हैं। पीछे से मैं भी खेत गया। हम लोगों ने उन लोगों को खेत से मसूर दाल की फसल उखाड़ने से मना किया तो एकाएक सभी लोगों ने लाठी-डंडा और रॉड से हम लोगों पर वार कर दिया। इसमें मैं और मेरा तीनों बेटा बुरी तरह घायल हो गए। ग्रामीणों के सहयोग से किसी तरह उठाकर हम लोगों को इलाज के लिए डीएमसीएच लाया गया। घटना से पूर्व मैंने बहादुरपुर थाने में फोन कर बताया था कि कुछ लोग मेरे खेत से फसल लूट रहे हैं तो उन्होंने कहा कि लूटने दीजिए। फसल लूटने से जमीन उसकी नहीं हो जाएगी। हम लोग आ रहे हैं, लेकिन उनके आने से पहले घटना घटित हो गई। घटना घटने के एक घंटे के बाद पुलिस पहुंची। अगर पुलिस समय से घटनास्थल पर पहुंच जाती तो यह घटना नहीं घटती। इस संबंध में थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ठाकुर ने बताया कि विवादित स्थल से मसूर की फसल को जब्त कर लिया गया है। दोनों पक्षों के घायलों का इलाज चल रहा है। दोनों पक्षों की ओर से आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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