कोरोना काल में भी हेलमेट और मास्क के साथ बाइक का पॉल्यूशन पेपर चेक कर रही है दरभंगा पुलिस!
दरभंगा: आपदा को अवसर बनाना सीखना हो तो इनदिनों दरभंगा पुलिस से अच्छा उदाहरण शायद ही कहीं दिखे। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है सोमवार को दरभंगा में।
दरअसल, सोमवार की शाम करीब 5 बजे चर्चित वेब न्यूज पोर्टल वॉयस ऑफ दरभंगा के संपादक अभिषेक कुमार को सूचना मिली कि लहेरियासराय चट्टी गुमटी के पूर्व डरहार मोड़ के पास बहादुरपुर थाना की पुलिस प्रशिक्षु डीएसपी गौतम शरण सोनी के नेतृत्व में बाइक चेकिंग अभियान चला रही है। इस दौरान आवश्यक कार्य से निकल रहे लोगों को भी अनावश्यक परेशान कर रही है, और दुर्व्यवहार कर रही है।
सूचना पर घर मे रखी एक दवा की पर्ची लेकर अभिषेक कुमार उक्त स्थल पर कवरेज केलिए पहुँचे। दिन भर हुई बारिश में कवरेज के कारण हेलमेट भींग गया था। अतः हेलमेट को उन्होंने बाइक के हैंडिल में लगा रखा था। एक बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार को कवरेज करने की कोशिश करते ही उक्त प्रशिक्षु डीएसपी की नजर अभिषेक कुमार पर पड़ गयी। उन्होंने ने फटाक से हेलमेट नही पहनने और निकलने का कारण पूछा। श्री कुमार ने भींगा होने और भींगने का कारण बताया। फिर भी उन्होंने भींगा हेलमेट ही पहनने को कहा। इस पर श्री कुमार ने कहा कि भींगा हुआ पहनेंगे तो बुखार लग जायेगा और कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। तो उन्होंने एक हजार चलान का नाम कहा। चलान कटाने को तैयार हो जाने पर उन्होने फिर सारे पेपर चेक किये। सब पेपर सही मिले तो उन्होंने पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की मांग कर दी। संयोगवश पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नही था। इसपर उन्होंने पॉल्यूशन का दस हजार तथा हेलमेट का एक हजार फाइन काटने बोला। श्री कुमार ने परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश का हवाला भी दिया, जिसमे स्पष्ट उल्लेखित है कि यदि कोई पेपर 1 फरवरी 2020 के बाद एक्सपायर भी है तो भी लॉकडाउन के कारण 30 जून 2021 तक उसे वैलिड माना जाएगा। पर उक्त अधिकारी नही माने और फाइन पर अड़ गए।
इस बीच उनके कहने पर एक कर्मी श्री कुमार का वीडियो बनाकर पूछताछ करने लगे। इस पर श्री कुमार ने कहा कि वे फाइन भरने को तैयार हैं तो फिर इसप्रकार का दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है!
इसपर प्रशिक्षु डीएसपी ने जल्द पूरा फाइन भरने को कहा। श्री कुमार ने कहा कि इतना पैसा पास में नही है। आप वैकल्पिक रूप से कोई रास्ता निकाले और चालान कर दें ताकि हम बाद में जमा कर सकें। पर वे कैश लेने पर भी अडिग रहे। अंत मे श्री कुमार ने कहा कि उन्हें एक जरुरी दवा लेनी है। डिक्की में से पर्ची निकाल लेने दें और गाड़ी सीज करके सीजर लिस्ट दे दें।
तभी वहां एक और पत्रकार पहुँचे जो उक्त अधिकारी से परिचित थे। उन्होंने थानाध्यक्ष से बात की। थानाध्यक्ष एवं उक्त पत्रकार के कहने पर अंत मे बुखार एवं कोरोना का खतरा रहते हुए अभिषेक कुमार ने भींगा हुआ ही हेलमेट पहन लिया।
पर सवाल यह रह गया कि पुलिस वास्तव में जनता के हित केलिए इस आपदा में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की चेकिंग करती है, या इस आपदा को खुद केलिए अवसर बनाने में लगी है!
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