एमएलएसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने दिया इस्तीफा, छात्र संगठन एमएसयू पर प्रताड़ित करने का आरोप।
दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की शहर स्थित अंगीभूत इकाई एमएलएसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना त्यागपत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव को भेज दिया है। प्रो0 मिश्र ने इस्तीफे का कारण पूछे जाने पर बताया कि कॉलेज के विकास के मामले में मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्र नेताओं के अनावश्यक हस्तक्षेप से काम करने में परेशानी हो रही है। पिछले दो दिनों से इस छात्र संगठन द्वारा काफी प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे आहत होकर वे इस्तीफा दे रहे हैं।
मालूम हो कि कॉलेज के वरीयतम शिक्षक प्रो0 मिश्र आम छात्रों के बीच लोकप्रिय होने के साथ ही विश्वविद्यालय सीनेट और सिंडिकेट के निर्वाचित सदस्य भी हैं। अभी हाल ही में उन्होंने कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया था। उनके इस्तीफे के निर्णय से उन्हें जानने वाले सभी लोग हतप्रभ हैं।
वहीं इसपर प्रतिक्रिया देते हुए एमएसयू के एमएलएसएम कॉलेज अध्यक्ष दिवाकर मिश्रा व कॉलेज महासचिव आदित्य मिश्रा ने बताया हैं कि कोई भी ऐसी कोई घटना नही हुई जिस कारण वो इस्तीफा दे। इस्तीफा की बात सुनकर कॉलेज अध्यक्ष और महासचिव भी आश्चर्यचकित हैं। दो दिन पूर्व जब कॉलेज खुला तब छात्र संघ के द्वारा पूर्व में सौंपे गए ज्ञापन, जिसमे एनसीसी के एक कर्मचारी की इस्तीफा की मांग थी, यह देख कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा आप लोग मेरा सारा मूड ख़राब कर दिए। हम पुराना कोई भी मामला को नहीं देखेंगे और जो नया होगा सिर्फ वहीं देखेंगे और आक्रोशित हो उठे जिसके बाद कॉलेज अध्यक्ष और महासचिव ने इस बाबत प्रिंसिपल सर से माफ़ी भी माँगा। इसमे शायद इनलोगो की कोई गलती भी नही हैं। पुनः जब एडमिशन की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया तो कॉलेज के प्रिंसिपल फिर से नाराज हो गए और अपनी इस्तीफा की बात कहने लगे।
छात्र संघ का कोई छात्र नेता नहीं, बल्कि उन्ही के एक छात्र हैं जो कॉलेज और छात्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए ईमानदारी पूर्वक अपना काम कर रहे हैं। जो काम कॉलेज नही कर सकता वो काम आज छात्र संघ कर रहे हैं। साथ ही एमएसयू द्वारा सवाल उठाया गया कि क्या ज्ञापन सौंपना और अपनी अधिकार की बात करना, कॉलेज के काम में बाधा डालने जैसा काम हैं! विश्वविद्यालय और कॉलेज में शैक्षणिक अराजकता फैला हुआ हैं, जिसका हमलोग पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं। फिर भी कोई कॉलेज आकर बोल दे यहाँ सब कुछ सही है तो हम वहां से अपनी टीम को भी हटा लेंगे।
यह विश्वविद्यालय और कॉलेज की एक साजिश है, जिसके माध्यम से छात्रहित में आवाज उठाने वाले एक मात्र छात्र संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन को टारगेट किया जा रहा है। हमारे संगठन के लड़को की एक मात्र कमी हैं की हमलोग आँख में आँख मिला कर बात करना जानते हैं जिस कारण पदाधिकारियों और शिक्षकों को हमारे काम करने का तरीका पसंद नही हैं।
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