Home Featured हृदय रोग से पीड़ित सात बच्चों को निशुल्क उपचार केलिए भेजा गया पटना।
September 16, 2022

हृदय रोग से पीड़ित सात बच्चों को निशुल्क उपचार केलिए भेजा गया पटना।

दरभंगा: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित सात बच्चों को सिविल सर्जन कार्यालय से शुक्रवार की सुबह छह बजे 102 एंबुलेंस के द्वारा जांच के लिए पटना इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) भेजा गया। वहां इन बच्चों की निशुल्क जांच व इलाज किया जाएगा। भेजे गये बच्चों में हायाघाट निवासी मो कलाम की सात वर्षीय पुत्री रुकैया परवीन, सिंहवाड़ा निवासी मनीष कुमार चौधरी के तीन साल के पुत्र कार्तिक व देवान सहनी के 12 वर्षीय पुत्र जय प्रकाश कुमार, बहेड़ी निवासी अर्जुन सहनी की सात साल की पुत्री राज नंदनी, बहादुरपुर निवासी कृष्ण कुमार राम के छह वर्षीय पुत्र करण कुमार, सदर निवासी रूपेश कुमार सहनी के आठ माह के पुत्र रुद्रांश, केवटी निवासी बिरजू कुमार यादव के तीन साल के पुत्र स्वतंत्रता कुमार शामिल हैं। विभाग की ओर से सभी बच्चों को उनके परिजन व आरबीएसके चिकित्सक डॉ. परमानंद गुप्ता के नेतृत्व में पटना भेजा गया है। जांच के बाद बच्चों को श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद में निशुल्क ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा। मौके पर आरबीएसके हॉस्पिटल कोऑर्डिनेटर डॉ केशव किशोर, जिला कोऑर्डिनेटर विवेकानंद सिंह, फार्मासिस्ट बृजभूषण कुमार, अकील अहमद आदि मौजूद थे।

Advertisement

बताते चलें कि इस कार्यक्रम के तहत 18 साल तक के बच्चों का जन्मजात 40 से अधिक बीमारियों के निशुल्क उपचार की पूरी व्यवस्था की गयी है। कार्यक्रम के तहत बच्चों को स्क्रीनिंग के बाद बेहतर चिकित्सा के लिये हायर सेंटर भेजा जाता है। इस क्रम में अब तक 15 बच्चों के हृदय के सर्जरी के बाद सफल ऑपरेशन किया गया। विदित हो कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम जिले के विभिन्न स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को स्क्रीनिंग कर दिल में छेद से ग्रसित बच्चों को चिह्नित करती है। उसके बाद एम्बुलेंस से बच्चों को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना में भेजकर स्क्रीनिंग करायी जाती है। इनमें से चयनित बच्चों को ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद के सत्य साईं हॉस्पिटल में निःशुल्क ऑपरेशन कराया जाता है। बच्चे के साथ एक अटेंडेंट भी हवाई यात्रा कर अहमदाबाद जाते हैं। उनके रहने खाने, चिकित्सकीय प्रबंधन, दवा की निशुल्क व्यवस्था की जाती है।

विभागीय जानकारी के अनुसार जिले में हृदय में छेद के साथ जन्में एक दर्जन से अधिक बच्चों का सर्जरी हो चुका है। इसमें सदर निवासी आशु कुमार, नुजहत प्रवीण व नमन कुमार, मनीगाछी निवासी आशुतोष कुमार व अन्नया कुमारी, सिंहवाड़ा निवासी खुशवंशु कुमार, अलीनर निवासी शिवम कुमार यादव व हर्ष कुमार, बहादुपुर निवासी जिविका कुमारी व बिपाशा कुमारी, कुशेश्वरस्थान निवासी जयंत रंजन, घनश्यामपुर निवासी आरव कुमार झा, केवटी निवासी अमिशा सिंह, बहेरी निवासी तसकीन रौनक, व बेनीपुर निवासी मनीकांत शामिल हैं। इन सभी बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी व सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। सभी बच्चे स्वस्थ हैं।

Advertisement

सिविल सर्जन डॉ एके सिन्हा ने बताया कि बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच भेजा जाता है। टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप व नाप तौल आदि करती हैं। फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है. इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजीज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसेबिलिटी आदि शामिल हैं। इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है।

Share

Check Also

जेईई मेंस के रिजल्ट में एकबार फिर सर्वश्रेष्ठ रहा ओमेगा का प्रदर्शन, संस्कृति को मिला 232वां रैंक।

देखिये वीडियो भी दरभंगा: मिर्जापुर स्थित शिक्षण संस्थान ओमेगा स्टडी सेंटर के बच्चों ने जेई…