धावा दल द्वारा चार बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त।
दरभंगा: श्रम विभाग की ओर से मंगलवार को विभिन्न प्रतिष्ठानों से चार श्रमिकों को मुक्त कराया गया।
श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के नेतृत्व में सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी, मानव व्यापार निरोधी इकाई से हवलदार व सिपाही, एफिकॉर के सदस्य व चाइल्डलाइन की संयुक्त टीम ने विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया। जांच दल ने हजमा चौराहा स्थित पूजा स्वीट्स, शोभन चौक स्थित गोकुल स्वीट्स, बिजुली हॉल्ट स्थित मोनू ऑटो पार्ट्स तथा सत्या स्वीट्स से चार बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया। श्रम अधीक्षक ने बताया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है। इसके साथ ही नियोजकों के विरुद्ध नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना गैरकानूनी है। बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले को 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।

धावा दल में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, दरभंगा सदर दिलीप कुमार, जाले के मनीष कुमार, सिंहवाड़ा के लक्ष्मण कुमार झा, केवटी के विष्णुधर शर्मा, चाइल्डलाइन के सदस्य अमरेश कुमार झा, एफिकॉर के सदस्य निवेश कुमार, पुलिस केन्द्र, दरभंगा से एक हवलदार एवं चार सिपाही शामिल थे। श्रम अधीक्षक ने कहा कि धावा दल प्रत्येक सप्ताह छापेमारी करेगा।
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