Home Featured मशरूम की खेती कर के 300 से 18 लाख के टर्न ओवर तक पहुंची प्रतिभा झा।
December 31, 2023

मशरूम की खेती कर के 300 से 18 लाख के टर्न ओवर तक पहुंची प्रतिभा झा।

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दरभंगा: जब बात परिवार के जरूरत की हो तो नारी शक्ति भी दिखा सकती है वह भी परिवार केलिए पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल सकती हैं। चाहे वह किसी भी क्षेत्र की बात हो। कुछ ऐसी ही जीवटता को प्रदर्शित करने का उदाहरण प्रस्तुत करके दिखाया है दरभंगा जिले के बिरौल प्रखंड के हांसी की रहने वाली महिला प्रतिभा झा ने। प्रतिभा झा ने जो ठाना उसे अपने नाम के अनुरूप अपनी प्रतिभा से सफल करके दिखाया और आज मशरूम के उत्पादन एवं मशरूम के उत्पादों को बनाने में अपनी पहचान दूर दराज तक स्थापित कर चुकी है।

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जिला स्थापना दिवस के अवसर लगाए गए अपने स्टाल पर रखे उत्पादों को दिखाने के दौरान उन्होंने अपनी पूरी संघर्ष गाथा एवं सफलता की कहानी वॉयस ऑफ दरभंगा के साथ शेयर की। प्रतिभा झा ने बताया कि वर्ष 2015 में उन्होंने समाचार में मशरूम उत्पादन के विषय मे देखा था। इसके बाद इन्होंने कृषि विभाग से संपर्क किया। इसके बाद आत्मा के द्वारा इन्हें प्रशिक्षण हेतु भागलपुर के सबौर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में भेजा गया। वहां उन्होंने तीन दिनों का प्रशिक्षण लेकर काम शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले 10 बैग से मशरूम उत्पादन की खेती को घर पर ही शुरू किया। इसे शुरू करने में शुरुआती लागत 300 रुपये लगे। इसके बाद इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज इसी की बदौलत 300 से शुरू हुआ कार्य का सालाना टर्न ओवर 18 लाख तक पहुंच चुका है। इन्होंने उत्पादन बढाने केलिए गांव की महिलाओं को भी प्रशिक्षण देना शुरू किया। फिर मास्टर ट्रेनर का सर्टिफिकेट मिलने के बाद पूरे बिहार में प्रशिक्षण देने लगी।

प्रतिभा झा ने बताया कि ये अब सालों भर मशरूम का उत्पादन करती हैं। सबसे ज्यादा ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन करती हैं। साथ ही डिमांड के अनुसार दूधिया मशरूम का भी उत्पादन करती हैं।

उन्होंने बताया कि खपत के बाद बचे मशरूम को सूखा कर उसके अन्य उत्पाद जैसे – अदौड़ी, आचार, पाउडर आदि बनाती हैं और इसे मार्केट में बेचती हैं। उन्होंने बताया कि वे बीज बनाने का काम भी करती हैं, ताकि मशरूम की खेती करने वाले किसानों को बीज के कारण दिक्कत न हो।

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प्रतिभा झा ने बताया इसके लिए बाजार की भी अब दिक्कत नहीं है। लेने वाले बहुत हैं। बस उत्पादन की मात्रा बड़ी होनी चाहिए। साथ ही मशरूम किसान को यदि सही प्रशिक्षण प्राप्त है और उसे लोगों को सभी उत्पादों की जानकारी सही ढंग से देने की क्षमता हो तो मार्केट में लेने वालों की कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई मशरूम की खेती करना चाहती हैं और इसे करने में कोई परेशानी आती है तो वे उनसे सम्पर्क कर सकती हैं। वे ऐसे हर जरूरतमंद की पूरी मदद करने को तैयार है।

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