वीर कुंवर सिंह ने 80 की उम्र में भी अद्भुत वीरता दिखाकर अंग्रेजों को चटाया था धूल: कुलपति।
दरभंगा: वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव के अवसर पर विभिन्न जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों की अग्रणी भूमिका के लिए बिहार सदैव याद किया जाएगा। उन्हीं में से एक हैं बाबू वीर कुंवर सिंह। ये उनके वीरता का ही निशानी है कि वो वीर कुंवर सिंह के नाम से जाने जाते हैं। 80 वर्ष के उम्र में उन्होंने अद्भुत वीरता व अदम्य साहस का परिचय देते हुए अंग्रेजों को धूल चटाया था। 23 अप्रैल 1858 को अंग्रेजों से लड़ते हुए बुरी तरह घायल अवस्था में भी उन्होंने जगदीशपुर किले से “यूनियन जैक” नाम का झंडा उतारकर जगदीशपुर को स्वतंत्र कराया। इसीलिए प्रतिवर्ष इस दिन “विजयोत्सव दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर उन्होंने सेनानी पत्रिका का लोकर्पण किया।
विशिष्ट वक्ता कुंवर सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभाग के मूर्धन्य विद्वान डॉ. संजीव कुमार ने बाबू वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को एक अलग कलेवर में प्रस्तुत किया।
इस मौके पर मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार बच्चन, डॉ. वैद्यनाथ चौधरी बैजू आदि ने विचार रखे। अतिथियों का स्वागत प्रो. लक्ष्मण प्रसाद जायसवाल ने किया। वहीं मंच संचालन हिंदी विभाग की श्रीमति रश्मि शर्मा ने किया। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, कुंवर सिंह महाविद्यालय कॉलेज इकाई द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव के अवसर पर महाविद्यालय स्थित उनकी प्रतिमा के पास दीप जलाया गया।
इस मौके पर विभाग संयोजक राहुल सिंह, जिला संयोजक वागीश झा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राघव आचार्य, संयोजक रवि यादव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवनीत कुमार, कुणाल गुप्ता, खेलो भारत संयोजक सत्यम झा, कुंवर सिंह कॉलेज मंत्री युवराज कुमार, अवनीश सिंह, मंटू सिंह, अमित कुमार, राजकुमार मुखिया, चंद्रकांत प्रसाद आदि उपस्थित थे।
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