Home Featured कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है रेलवे गुमती के गेटमैन की लापरवाही।
May 19, 2024

कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है रेलवे गुमती के गेटमैन की लापरवाही।

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दरभंगा: दरभंगा शहर का लहेरियासराय चट्टी गुमती कई दुर्घटनाओं का गवाह बन चुका है। वाबजूद इस गुमती के बंद और खुलने में होने वाली लापरवाही कम होती नहीं दिख रही है। इसी का एक और उदाहरण रविवार की शाम एकबार फिर देखने को मिला। शाम करीब सात बजे गुमती ट्रेन आने से बहुत पहले बंद कर दिए जाने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। गुमती खुलने पर इस भीड़ को छंटने में समय लगा। भीड़ पूरी तरह छँटी भी नहीं थी कि फिर गुमती बंद होने का सायरन बजने लगा। लोग जल्दी जल्दी गुमती पार करने लगे। इसी बीच गेटमैन ने पश्चिम की ओर वाला फाटक बंद कर दिया और पूरब वाला खुला ही था। इस कारण करीब दर्जन भर बाइक एवं साइकल पूरब तरफ से आकर पश्चिमी फाटक के समीप रुक गए। तभी पूरब वाला फाटक भी बंद हो गया। ऐसे में इन लोगों को फाटक से बाहर किसी तरफ निकलने का मौका नहीं मिला।

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इसी बीच एक एक्सप्रेस ट्रेन दरभंगा से समस्तीपुर की तरफ पास की। इस ट्रेन के पूरब तरफ की पटरी से पास करने के कारण फाटक के भीतर फंसे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं महसूस हुआ।

ट्रेन पास करने के वाबजूद गेटमैन की लापरवाही का आलम यह रहा कि स्टेशन को इस आपात स्थिति की सूचना देकर दूसरी ट्रेन को रुकवाकर गुमती नहीं खुलवाया गया। जबकि विपरीत दिशा से गुजरने वाले ट्रेन की पटरी की दूरी खड़े लोगों के वाहनों से मुश्किल से दो – तीन फीट की थी।

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इस प्रकार गुमती बंद ही रहा और दूसरी ट्रेन के रूप में मालगाड़ी लहेरियासराय से दरभंगा की ओर गुजरी। पश्चिमी फाटक के समीप खड़े वाहनों के काफी नजदीक से इस ट्रेन के गुजरने के कारण फाटक के अंदर और बाहर खड़े लोगों का मन आशंकाओं से भरा रहा। पर गनीमत यह रहा कि किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई।

गेटमैन की इस प्रकार की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं था, बल्कि आये दिन इस प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं। अधिक हल्ला हंगामा होने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा दो चार दिन केलिए एकाध ट्रैफिक पुलिस की तैनाती कर खानापूर्ति कर ली जाती है। मामला शांत होने पर फिर ट्रैफिक पुलिस भी लापता हो जाते हैं।

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ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आमलोगों की जिंदगी से खिलवाड़ का जिम्मेवार आखिर कौन है, और इसे दूर करने की जिम्मेवारी किसकी है! बहरहाल रेलवे एवं स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता को देखते हुए आमलोगों को ही स्वयं सतर्क रहने की आवश्यकता दिखती है।

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