फर्जी वोटिंग के आरोपियों को जबरन छुड़ाने के मामले में थानाध्यक्ष निलंबित।
दरभंगा: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान के दिन गत 20 मई को मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के जाले विधानसभा क्षेत्र में मतदान हुआ था। उस दौरान बोगस वोटिंग करने का प्रयास करते देवरा-बंधौली की तीन युवतियों और एक युवक को पकड़ा गया था। उसी रात कुछ उपद्रवियों ने उन चारों को पुलिस अभिरक्षा से बलपूर्वक छुड़ा लिया था। इस मामले में मिथिला प्रक्षेत्र के डीआईजी बाबूराम ने जाले थानाध्यक्ष बिपिन बिहारी को निलंबित कर दिया है।
एसएसपी जगुन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी ने 20 मई की रात 1105 बजे असामाजिक तत्वों द्वारा नाजायज मजमा बनाकर फर्जी वोटिंग मामले में गिरफ्तार चार प्राथमिकी नामजद अभियुक्तों को पुलिस कस्टडी से बलपूर्वक छुड़ाकर ले जाने मामले में एसडीपीओ सदर-टू, कमतौल ज्योति कुमारी को मामले की जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया था। इस आलोक में एसडीपीओ ने मामले की जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन एसएसपी को समर्पित किया था।
एसडीपीओ सदर-टू ने जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान के दौरान जाले विधानसभा क्षेत्र के देवरा-बंधौली के हक्कानिया मदरसा के बूथ संख्या 85 पर फर्जी मतदान करने के आरोप में सेक्टर मजिस्ट्रेट ने चार लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई थी। सभी को महिला पुलिस की अभिरक्षा में थाने के सिरिस्ता में रखा गया था। चारों से थाने पदाधिकारी महिला कर्मी की उपस्थिति में पूछताछ कर रहे थे।
इसी दौरान रात करीब 11.05 बजे 150-200 की संख्या में असामाजिक तत्व थाने पर आये और उपद्रव फैलाते हुए चारों को जबरन पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लिया। घटना को रोकने में थानाध्यक्ष विफल रहे। उन्होंने वरीय पुलिस अधिकारियों को भी समय पर इसकी सूचना नहीं दी। एसडीपीओ सदर-टू ने थानाध्यक्ष के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।
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