लोकतंत्र का काला अध्याय है आपातकाल : राणा रणधीर।
दरभंगा: भारतीय जनता पार्टी के तत्वावधान में देश में लागू किए गए आपातकाल दिवस को याद करते हुए जिलाध्यक्ष जीवछ सहनी की अध्यक्षता में काला दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर विधायक राणा रणधीर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र का काला अध्याय है आपातकाल। इसमें जनता के सारे अधिकर छीन लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की मध्य रात्रि को भारत के इतिहास में एक ऐसा काला अध्याय लिखा दिया गया था। शायद ही किसी को आभास हुआ होगा कि यह अंधेरा लम्बे समय तक छटने वाला नहीं है। उस रात की कालिमा ने भारतीय लोकतंत्र पर 21 महीने तक ग्रहण लगा दिया था। आज भी जब कोई 50 साल पहले भारत में लगे आपातकाल को याद करता है, तो उसकी रूह कांप उठती है। उन्होंने कहा कि उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने घोषणा की थी कि राष्ट्रपति ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है और इसी घोषणा के साथ देश को गैर-लोकतांत्रिक मोड में धकेल दिया था। लोगों की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी थी। कुछ ही मिनटों में तत्कालीन केंद्र सरकार ने लगभग भारतीय संविधान का अपहरण ही कर लिया था, नागरिकों के मौलिक अधिकारों सहित सभी संवैधानिक अधिकारों को जबरन हटा दिया था। एक झटके में लोकतंत्र से लोक हटा कर तानाशाही लिख दिया गया। जिस आजादी के लिए असंख्य देशभक्तों ने अपना सर्वस्व बलिदान दिया, अमानवीय यातनाएं झेली, उस आजादी को इंदिरा गांधी ने पिंजरे में कैद कर लिया। जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी सिंहासन पर आसीन हुई थी, सिंहासन बचाए रखने के लिए उसी संविधान पर ताला लगा दिया एवं सभी नागरिक अधिकार छीन लिए गए। भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास में काला अध्याय जुड़ चुका था।
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