पुलिस अधिकारियों ने लोगों को दी एक जुलाई से लागू हुए नये कानूनों की जानकारी।
दरभंगा: एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीएफ और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गया है। जिले के पुलिस अधिकारियों ने इसे लेकर सभी थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को तीनों नए कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही लोगों में इस संबंध में जारी किये गए 12 पेज के बुकलेट का भी वितरण किया गया।
एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी के दिशा-निर्देशन में दरभंगा जिले के सभी थानों पर स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं के बारे में अवगत कराया गया। इसी क्रम में एसएसपी व सिटी एसपी शुभम आर्य ने लहेरियासराय थाना परिसर में जनप्रतिनिधियों व आम लोगों से नए कानूनों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि अब नए कानून लागू होने से आम लोगों को काफी सहूलियत होगी। इसके लिए आम लोगों को भी पुलिस को सहायता करनी होगी। पुलिस और आम लोगों के बीच समन्वय स्थापित कर ही नए कानूनों का लाभ उठाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान यदि कोई घटना घट जाती है तो गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद स्थानीय थाने में मामला दर्ज करवाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति ईमेल के माध्यम से एफआईआर करवाना चाहता है तो थाने में मामला दर्ज हो जाएगा, लेकिन उसे तीन दिन के अंदर संबंधित थाने में उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। मामला दर्ज करवाने वाले व्यक्ति को 90 दिन के अंदर अनुसंधानक की ओर से केस के अनुसंधान के बारे में अद्यतन जानकारी देनी होगी। यदि मामला दर्ज करवाने वाले पक्ष और गवाह को विपक्षी द्वारा धमकी दी जाती है तो पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी और कोर्ट में ले जाने की व्यवस्था करेगी।
यदि कोर्ट में ट्रायल के दौरान पक्ष या विपक्ष के लोग उपस्थित नहीं होते हैं तो भी ट्रायल चलता रहेगा और सजा सुनाने के सात दिन के अंदर कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। अब ई सम्मन व्हाट्सएप के माध्यम से भी प्राप्त होगा। यदि किन्हीं पुलिस पदाधिकारी को घर की तलाशी लेनी होगी तो उस दौरान उन्हें मोबाइल या कैमरा से वीडियो बनाना पड़ेगा।
अब इलेक्ट्रॉनिक सबूत को भी मान्यता दे दी गई है। उस सबूत पर भी कार्रवाई की जाएगी। इन दिनों साइबर क्राइम अधिक बढ़ गया है। इस कारण सरकार ने हर जिले में एक साइबर थाना खोला है। साइबर फ्रॉड की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
लहेरियासराय थाना की अपर थानाध्यक्ष लवली कुमारी ने महिलाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिला के साथ यदि दुष्कर्म होता है तो 24 घंटे के अंदर उसकी मेडिकल जांच करवानी है। दुष्कर्म मामले की अनुसंधानक महिला पुलिस पदाधिकारी ही बनेंगी। मेडिकल रिपोर्ट डॉक्टर को सात दिन के अंदर थाने को उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया गया है। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपित को आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।
कार्यक्रम का मंच संचालन लहेरियासराय थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने किया। जागरूकता बैठक के दौरान रीता सिंह, मनीष सिंह उर्फ राणा, अशोक कुमार, आशुतोष कुमार, अखिलेश कुमार सिंह, पप्पू महासेठ, शंकर प्रसाद जायसवाल, नफीसुल हक रिंकू, संतोष ठाकुर, मो. रियाज अशरफ, रतन कुमार, नीलू कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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