जीविका से जुड़कर शुरू हुआ पूनम देवी के जीवन का नया अध्याय, मशरूम उत्पादन से हुई खुशहाल।
दरभंगा: दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड अंतर्गत कटासा गाँव की पूनम देवी कृष्णा स्वंय सहायता समूह से जुड़कर मशरूम उत्पादन के प्रशिक्षण में हिस्सा लेकर मशरूम उत्पादन का हुनर सीख घर में ही मशरूम उत्पादन कर अच्छा जीविकोपार्जन कर रही है।
मशरूम प्रशिक्षण प्राप्त करने के पहले पूनम देवी की स्थिति काफी खराब थी। वे परिवार का ठीक से पालन-पोशन नहीं कर पा रही थी। संतान के लिए शिक्षा की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। जिन्दगी काफी कष्टमय हो गया था। उनके मन में खुशहाल जीवनयापन की लालशा थी।

पूनम देवी कहती है कि इसी दरम्यान उसकी पड़ोस की जीविका दीदी ने उन्हें जीविका समूह की जानकारी देते हुए समूह से जुड़ने को प्रेरित की। तत्पश्चात् वे कृष्णा स्वंय सहायता समूह से जुड़कर जीविका समूह से 30 हजार का ऋण लेकर अपने पति के लिए खुद की फर्नीचर की दुकान खुलवाई, जिससे उसके पति मतेश्वर शर्मा ने इधर-उधर भटक कर मजदूरी छोड़कर अपनी दुकान पर ही ध्यान दिया, जिससे काम में सहुलियत होने के साथ-साथ आय में भी वृद्धि हुई।

इसके बाद पूनम देवी भी मजदूरी छोड़कर सी.एन.आर.पी. का कार्य करने लगी। जीविका द्वारा मशरूम उत्पादन के प्रशिक्षण में हिस्सा लेकर वे मशरूम उत्पादन का हुनर सीख घर में ही मशरूम उत्पादन कर अच्छा जीविकोपार्जन करने लगी, जहाँ खुद भी मशरूम का सेवन कर रही है और उसे बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा रही है। पूनम देवी बताती है कि उनके पति मतेश्वर शर्मा बढ़ई मिस्त्री का कार्य करते हैं, जिससे उनका परिवार का भरण-पोषण भी मुश्किल से हो पाता था और हमेशा आर्थिक समस्या बनी ही रहती थी। आगे बताती है कि जीवका से जुड़ने से पहले उनके पति के आय से बच्चों की शिक्षा ठीक से नहीं हो रही थी। स्वंय भी मजदूरी कर होने वाली मामूली आय से परिवार के पालन-पोषण में मदद कर रही थी।

पूनम देवी जीविका और बिहार सरकार को धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि जीविका से जुड़ कर उनका आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है।
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