Home Featured मिथिला के लिए नव विश्वकर्मा साबित हो रहे हैं प्रधानमंत्री : सांसद।
February 7, 2025

मिथिला के लिए नव विश्वकर्मा साबित हो रहे हैं प्रधानमंत्री : सांसद।

दरभंगा: भाजपा सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने कहा कि नवभारत के शिल्पकार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार और मिथिला के लिए नव विश्वकर्मा साबित हो रहे हैं, जिनके शासन में मिथिला का कायाकल्प हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मिथिला के विकास की चर्चा देश ही नहीं विदेशों तक एक उदाहरण के रूप में किया जाएगा।

Advertisement

सांसद ने दिल्ली संसद भवन में एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री परिषद में बिहार के मंत्रीगण एवं सांसदगणों के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्नेहिल मुलाकात तथा पीएम को सम्मानित किया। सांसद डॉ. ठाकुर ने इस मौके पर प्रधानमंत्री को मिथिला परम्परानुसार पाग, चादर एवं मखान माला तथा मिथिला पेटिंग से स्वागत और सम्मान भी किया।

Advertisement

एनडीए सांसदों के साथ डॉ. ठाकुर ने मिथिला क्षेत्र और बिहार को बजट में पीएम मोदी द्वारा दिए जा रही प्राथमिकताओ के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि 2025-26 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट जो जन आकांक्षा एवं जन कल्याण को समर्पित है। विकास की दृष्टि से नया अध्याय साबित होगा। क्योंकि इसमें सभी वर्गों गरीब, मध्यम वर्ग, अन्नदाता एवं नारी शक्ति एवं वृद्धजनों सभी का खयाल रखा गया है और सभी क्षेत्रों यथा- सड़क, रेल स्वास्थ्य, रक्षा, ग्रामीण विकास सहित रोजगार पर भी ध्यान रखा गया है तथा बजट में बिहार राज्य और खासकर मिथिलाक्षेत्र को प्राथमिकता के लिए मोदी सरकार की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।

Advertisement

सांसद डॉ. ठाकुर ने केंद्रीय बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना और पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वरदान बताते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही परम्परागत रूप से मखाना मिथिला की लोक-संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है और सम्पूर्ण भारत में मखाना के कुल उत्पादन का लगभग 85% हिस्सा केवल मिथिला क्षेत्र में ही होता है। इस सांस्कृतिक महत्ता एवं मिथिला क्षेत्र में मखाना के अधिक उत्पादन के कारण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में मखाना को मिथिला मखाना का जीआई टैग प्रदान किया है।

Advertisement

विदित हो कि मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की थी, लेकिन कांग्रेस नीत सरकार के द्वारा वर्ष 2005 में इस संस्थान के अस्तित्व को मिटाने का कुत्सित प्रयास किया था और इस संस्थान का राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया था। पुन: 18 वर्ष बाद 2023 में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संस्थान को राष्ट्रीय दर्जा प्रदान कर मिथिलावासियों को गौरवान्वित किया है तथा इस बजट में बिहार राज्य में नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फूड टेक्नालॉजी की घोषणा की गई है जो स्वागत योग्य है।

Advertisement
Share

Check Also

गुम हुए मोबाइल ऑपरेशन मुस्कान के तहत दस दिनों के अंदर बरामद।

दरभंगा: लहेरियासराय थाना की पुलिस ने गुम हुए मोबाइल को 10 दिन में ऑपरेशन मुस्कान के तहत बर…