ऑनलाइन पेमेंट करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ती फ्रेंचाइजी की प्रताड़ना!
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दरभंगा: किसी भी सेवा प्रदाता कम्पनी केलिए उपभोक्ता महत्वपूर्ण होते हैं। परंतु दरभंगा जिले में इन दिनों बिजली प्रदाता कम्पनी नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड के अधिकारियों केलिए उपभोक्ता हित के ऊपर फ्रेंचाइजी हित दिख रहा है। फ्रेंचाइजी को जायज एवं नाजायज लाभ पहुंचाने केलिए न केवल उपभोक्ता हित को ताक पर रखा दिया गया है, बल्कि उपभोक्ताओं का शोषण भी जमकर किया जा रहा है। आमलोगों को न तो नियम कायदे की तकनीकी रूप से जानकारी होती है और न वे अधिकारों केलिए इस तंत्र से ज्यादा लड़ पाते हैं। परंतु कोई सजग सामाजिक कार्यकर्ता इन कृत्यों के विरुद्ध आवाज उठाये तो उसे टारगेट कर पूरा तंत्र उसके पीछे पड़ जाता है। ऐसा ही बड़ा मामला जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड क्षेत्र का सामने आया है। बिजली विभाग के फ्रेंचाइजी की मनमानी और विभागीय अधिकारियों द्वारा उन्हें संरक्षण देने के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता मनोहर कुमार झा अपने लालपुर चौक अवस्थित व्यवसायिक परिसर में गत 8 मार्च से लगातार धरना पर बैठे हैं। वे लगातार सोशल मीडिया एवं मीडिया के माध्यम से अपनी बात को रख रहे हैं। इस बात की जानकारी जब वॉयस ऑफ दरभंगा को मिली तो स्थल पर पहुंचकर हमारी टीम ने इस मामले की पड़ताल की।
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दरअसल, मनोहर कुमार झा का कमर्शियल बिजली कनेक्शन गत 03 मार्च 2024 को काट दिया गया। जबकि 2021 से ही उनका यह कनेक्शन चल रहा था और नियमित भुगतान भी कर रहे थे। कनकेशन काटने के साथ ही मनोहर कुमार झा पर बिजली चोरी की प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गयी। उनपर आरोप लगाया गया कि वे कमर्शियल बिजली का घरेलू उपयोग कर रहे हैं। अबतक घरेलू बिजली का कमर्शियल उपयोग करने वालों पर कारवाई की बात तो कई बार सामने आई थी, पर ऐसा मामला शायद कम ही देखने को मिला हो। क्योंकि कमर्शियल बिजली महंगी होती है और घरेलू कनेक्शन अपेक्षाकृत सस्ता होता है। मतलब सीधा शब्दों में कहा जाए तो मनोहर कुमार झा पर अपना नुकसान करके बिजली विभाग को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाकर उनका कनेक्शन काटा गया, जो अपनेआप मे आश्चर्यजनक और हास्यास्पद भी लगता है।
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नियमित भुगतान के वाबजूद हास्यास्पद आरोप लगाकर कनेक्शन काटने के पीछे की असली कहानी कुछ और ही सामने आई है। दरअसल, मनोहर झा ने जो कहानी बताई, उसके अनुसार सिंहवाड़ा में जिस फ्रेंचाइजी को बिलिंग का कार्य मिला हुआ है, वह अपनी मनमानी उपभोक्ताओं पर चलाना चाहते हैं। वे सभी उपभोक्ताओं को ऑनलाइन पेमेंट न करके सीधा उनके माध्यम से भुगतान का निर्देश देते हैं। जो उनके निर्देश का पालन नही करते और ऑनलाइन भुगतान करते हैं, उन्हें फ्रेंचाइजी द्वारा टारगेट कर प्रताड़ित किया जाता है, और उनके इस कृत्य को विभागीय अधिकारियों का पूर्ण संरक्षण मिलता है।
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मनोहर झा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लोगों के गलत बिलिंग आने, ऑनलाइन भुगतान पर आपत्ति करने आदि के विरुद्ध आवाज बुलंद करते रहे। फलस्वरूप उनका कनेक्शन कट गया। लगातार लिखित एवं मौखिक शिकायतों के बाद अब उन्हें कहा जा रहा है कि उनके संयुक्त परिवार में उनके स्वर्गवासी पिता के नाम से जो राशि बकाया है, पहले उसका भुगतान भी मनोहर झा को करना होगा।
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इस संबंध में मनोहर झा द्वारा बताया गया कि यह विभाग द्वारा काटने का बहाना बताया गया है। उनके पिता स्व0 सीताराम झा के नाम से 1984 से ही घरेलू कनेक्शन था। मार्च 2023 तक प्राप्त बिल का नियमित भुगतान ऑनलाइन किया गया। फ्रेंचाइजी द्वारा ऑनलाइन भुगतान न करके उनके माध्यम से भुगतान करने को कहा गया, जिसे श्री झा ने नकार दिया। फलस्वरूप अप्रैल माह में उन्हें 6728 यूनिट का लगभग 45 हजार रुपये का बिल प्राप्त हुआ। एक महीने का बिल 45 हजार रुपये देख उन्हें आश्चर्य हुआ और इसके सुधार केलिए विभाग को लिखित एवं मौखिक रूप से लगातार सूचित करते रहे। उन्हें बिल में सुधार का आश्वासन मिलता रहा, पर सुधार नहीं हुआ। अंततः 14 दिसम्बर 2023 को उन्हें लगभग 60 हजार रुपये भुगतान करने को कहा गया और ऐसा न करने पर घरेलू कनेक्शन उनके पिता के संयुक्त परिवार का काट दिया गया। इसके खिलाफ भी श्री झा द्वारा लगातार शिकायत आवेदन दिया जाता रहा। मामला लोक शिकायत में भी चल रहा है।
इसी कारण विभाग यहीं नहीं रुका और अब उसने मनोहर झा को कमजोर करने और दवाब बनाने केलिए उनके रोजी रोटी के साधन ओर वार किया तथा उनका कमर्शियल कनेक्शन काट दिया।
इससे परेशान होकर मनोहर झा 8 मार्च से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। उन्हें धरना पर बैठा देख कुछ और उपभोक्ताओं की भी हिम्मत बढ़ी और वे भी अपनी शिकायतों को लेकर धरना के समर्थन में आने लगे हैं।
ऐसे में सब बड़ा सवाल यही है कि विभाग के उच्च अधिकारीगण मामले का संज्ञान लेकर इसकी निष्पक्ष जांच करवाएंगे, अथवा आरोपी फ्रेंचाइजी एवं कर्मियों की बात सुनकर मामले को ताक पर रख देंगे, यह देखने वाली बात होगी।
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