अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए बेदाग अवकाश ग्रहण बड़ी बात: डॉ मुश्ताक।
दरभंगा: आज के समय में किसी भी व्यक्ति के लिए नौकरी के दौरान अपने दायित्वों का पूर्ण निर्वहन करते हुए बेदाग अवकाश ग्रहण करना बड़ी बात है।इस अर्थ में डॉ विजय कुमार झा भाग्यशाली रहे। इन्होंने अपने नाम के अर्थ को चरितार्थ करते हुए हम लोगों की सभी शिकायतों को सुनते रहे पर खुद कभी किसी से शिकायत नहीं किया।इन्होंने महाविद्यालय परिवार के हर व्यक्ति के दिलों पर विजय प्राप्त की है। डॉ झा अच्छे शिक्षक तथा अच्छे प्रशासक दोनों रूपों में सफल रहे।उक्त बातें सी एम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने महाविद्यालय के गणित विभागाध्यक्ष व परीक्षा नियंत्रक डॉ विजय कुमार झा के अवकाश ग्रहण के उपरांत आयोजित शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के मिलन-समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि अवकाश के बावजूद डॉ झा महाविद्यालय परिवार के सदस्य बने रहेंगे तथा अपेक्षित सहयोग भी करते रहेंगे।
अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ अवनि रंजन सिंह ने डॉ झा के स्वभाव की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इनके साथ काम करने का अनुभव यादगार रहेगा,विशेष रूप से इनका शांत, हंसमुख और सहयोगात्मक स्वभाव।उन्होंने डॉ झा के स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की मंगलकामना की। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र शर्मा ने कहा कि डॉ झा गणित एवं परीक्षा विभाग को प्रसन्नतापूर्वक एवं कुशलतापूर्वक चलाए। इनकी सहनशीलता तथा मिलनसार प्रकृति हमें सदा इनकी याद दिलाती रहेगी।अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो इंदिरा झा ने उनके मृदुल स्वभाव एवं महाविद्यालय में अत्यधिक समय देने हेतु उन्हें धन्यवाद दिया तथा उनके धार्मिक दांपत्य-जीवन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्हें भरपूर सहयोग देने के लिए उनकी धर्मपत्नी को भी साधुवाद दिया।प्रो विकास कुमार ने डॉ झा के साथ बिताए पलों को याद करते हुए उन्हें धैर्य एवं सहनशीलता की प्रतिमूर्ति बताया।
ज्ञातव्य है कि डॉ विजय कुमार झा 31 अगस्त को अवकाश ग्रहण किया।उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि एमएलएस कॉलेज, सरसोपाही,मिल्लत कॉलेज, दरभंगा तथा सी एम कॉलेज, दरभंगा के 37 वर्षों के सेवाकाल में इस महाविद्यालय परिवार से मुझे भरपूर सहयोग एवं स्नेह मिला है,जिसे मैं पूरे जीवन- काल तक नहीं भुला सकूंगा। मैंने आचार्य श्रीराम शर्मा के आदर्श वाक्य *व्यस्त रहो- मस्त रहो,पर अस्त-व्यस्त न रहो* को अपने जीवन में अपनाकर काम किया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय को जब भी मेरी जरूरत होगी, मैं सदा सेवा देने के लिए तैयार रहूंगा।समारोह को प्रो विश्वनाथ झा,डॉ अशोक कुमार पोद्दार,डॉ अनुपम कुमार सिंह, प्रो रमनबिहारी लाल,प्रो राजानंद झा,प्रो चंद्रशेखर मिश्र,सृष्टि चौधरी, बिंदेश्वर यादव,अरुण कुमार झा आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रो मंजू राय, डॉ आर एन चौरसिया, डॉ सुरेश पासवान,डॉ नरेंद्र झा, डॉ प्रीति कनोडिया,डॉ मो असदउल्लाह,डॉ शशांक शुक्ला,प्रो रागनी रंजन,डॉ अभिलाषा कुमारी,डॉ चंदा कुमारी,विपिन कुमार सिंह सहित करीब 100 व्यक्ति उपस्थित थे।
मिलन समारोह में डॉ झा की पत्नी कल्याणी विजय,पुत्र सौरभ विजय तथा साकेत विजय,बहू अचला झा, बेटी निक्की मिश्रा, दामाद साकेत मिश्रा,पोती आदित्या झा, नाती सास्वत मिश्रा नतिनी शुभांगी मिश्रा आदि उपस्थित थे।समारोह में डॉ झा को पाग-चादर तथा एन सी सी की ओर से वस्त्र एवं बैग आदि प्रदान किए गए। प्रोफेसर मंजू राय ने डॉ झा की पत्नी कल्याणी विजय को वस्त्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया। समारोह को सफल बनाने में स्वयंसेवक अरबाज खान, प्रकाश कुमार तथा मो अशलम एवं एन सी सी के कैडेटों ने सक्रिय सहयोग किया।कार्यक्रम का संचालन करते हुए मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो नारायण झा ने कहा कि डॉ विजय कुमार झा का महाविद्यालय के शिक्षक संघ की ओर से विधिवत् विदाई 31 जनवरी, 2020 को बृहत रूप से दी जाएगी।धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आर एन चौरसिया ने किया।
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