डीएमसीएच की व्यवस्था देख बिफरे प्रधान सचिव, कायाकल्प केलिए मास्टर प्लान तैयार।
दरभंगा: मंगलवार देर शाम डीएमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे प्रधान सचिव संजय कुमार अस्पताल की व्यवस्था देख कर विफर पड़े। किसी को कोई जवाब देते नही बन पड़ रहा है। श्री कुमार ने परिसर में बनने वाले सर्जरी भवन का सीएम गुरुवार 26 सितंबर को पटना से शिलान्यास करेंगे। सर्जरी भवन दो साल में बनकर तैयार हो जायेगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मंगलवार की देर शाम डीएमसीएच का निरीक्षण किया। प्रधान सचिव ने करीब डेढ़ घंटा तक अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ भी सही नहीं है। सभी भवन को तोड़कर नया बनाना पड़ेगा। अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था में 100 प्रतिशत सुधार की गुंजाइश है।
कहा कि किसी भी स्थिति में दो दिनों के अंदर सर्जरी भवन निर्माण को लेकर गायनी परिसर स्थित चयनित स्थल पर बने मकान को तोड़ें. समस्या होने पर आयुक्त से संपर्क करें। उन्होंने सर्जरी भवन के लिए चयनित स्थल का भी मुआयना किया। इस दौरान डीएम डॉ त्यागराजन एसएम, डीएमसी प्राचार्य डॉ एचएन झा, अधीक्षक डॉ आरआर प्रसाद एवं बीएमएसआइसिल के अधिकारी वहां मौजूद थे।
प्रधान सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री गुरुवार को सर्जरी भवन का शिलान्यास करेंगे। डीएमसीएच के लिये मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस मास्टर प्लान के अनुसार कार्य पूर्ण होने पर व्यवस्था की कायाकल्प होने की पूरी उम्मीद है।
श्री कुमार के निरीक्षण के दौरान अस्पताल की लचर चिकित्सा व्यवस्था सामने आ गयी। खराब व्यवस्था देख श्री कुमार के चेहरे पर झल्लाहट दिख रही थी। अधिकारी लोग से कुछ कहते नहीं बन रहा था। उन्होंने ओपीडी, आपातकालीन विभाग, सर्जरी भवन, नये सर्जरी भवन के निर्माण स्थल व सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का जायजा लिया. इसके बाद रात करीब 7.30 बजे पटना के लिये रवाना हो गये।
मौके पर बीएमएसआइसिल के एमडी संजीव कुमार, सीएस डॉ अमरेन्द्र नारायण झा, उपाधीक्षक डॉ बालेश्वर सागर व वरीय चिकित्सक मौजूद थे।
प्रधान सचिव के आगमन को लेकर अस्पताल प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी। सायंकालीन ओपीडी में चिकित्सक तैनात थे. वहीं मेडिसन, सर्जरी, स्कीन आदि विभागों को छोड़ सभी विभाग में तालाबंदी थी। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर एक कर्मी मौजूद था। आपातकालीन विभाग के पूछताछ काउंटर पर कर्मी को बिठा दिया गया था। अमूमन वहां कोई नही रहता है। ट्राली पर चादर बिछा दिया गया था।
साथ ही प्रधान सचिव के आने से पूर्व मौजूद सभी चिकित्सक एप्रन पहन लिये थे। अमूमन चिकित्सक एप्रन में नहीं दिखते। सभी विभाग के एचओडी व कर्मियों का कार्यालय खुला हुआ था।
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