अमरनाथ गामी की भाजपा में हुई वापसी, शहर की राजनीति में माना जाता है खास प्रभाव।
दरभंगा: लंबे इंतजार और कई प्रयासों के बाद आखिरकार भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सह हायाघाट के पूर्व विधायक अमरनाथ गामी की भाजपा में वापसी हो गयी। उनके सदस्यता हेतु लगातार तारीख पर तारीख की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी जा रही थी। 15 अक्टूबर की तारीख रद्द होने का बाद अंततः रविवार की सुबह उनकी वापसी का संयोग बन गया और उन्हें सदस्यता मिल गयी। बहुत ही सादे ढंग से उन्हें सदस्यता दिलायी गयी।
पटना में आयोजित क्षेत्रीय बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अश्वनी चौबे और दरभंगा के स्थानीय सांसद गोपाल जी ठाकुर की उपस्थिति में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी। उनके पार्टी में आने से विशेष रूप से दरभंगा शहर की राजनीति प्रभावित होने की संभावना बनती दिख रही है। दरअसल शहर की राजनीति में उनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है।

बताते चलें कि पूर्व में भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके अमरनाथ गामी पहलीबार भाजपा के टिकट पर हायाघाट से विधायक बने। परंतु सुशील मोदी के खिलाफ बगावत करने के कारण उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी थी और उन्होंने 2015 का चुनाव जदयू के टिकट पर लड़ा और पुनः हायाघाट के विधायक बने। परंतु पुनः उन्हें जदयू से अनबन हो गयी और 2020 में राजद के टिकट पर दरभंगा शहर से चुनाव लड़े और हार गए। इसके बाद राजद में भी वे उपेक्षा के शिकार होने की शिकायत करने लगे और भाजपा में जाने की इच्छा व्यक्त करने लगे। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी वे भाजपा उम्मीदवार गोपालजी ठाकुर के पक्ष में खुलकर प्रचार में लगे थे। उन्हें गोपालजी से पार्टी में वापसी का आश्वासन मिला था। पर उनकी वापसी टलने के कारण उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद का दामन थामना पड़ा था।
पार्टी सूत्रों की माने तो सुशील मोदी और उनके खेमे के कद्दावर विधायक नही चाहते थे कि अमरनाथ गामी की भाजपा में वापसी हो। इस कारण उनकी वापसी में विलंब हो रहा था।
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