धर्म का अफीम पिलाकर आम लोगों का शोषण कर रही है केंद्र सरकार: रामनरेश पांडेय।
दरभंगा: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व भारत की कम्युनिस्ट पार्टी का ‘बदलो सरकार-बचाओ बिहार’ राज्यव्यापी आवाह्न के तहत लहेरियासराय पोलो मैदान स्थित धरना स्थल के सामने विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन प्रो. साबिर अहमद बेग और रामसागर पासवान की संयुक्त अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसको संबोधित करते हुए सीपीआई के राज्य सचिव व पूर्व विधायक कॉ० रामनरेश पांडेय ने कहा कि सीपीआई और सीपीएम दो शरीर वह एक आत्मा है। 1925 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की गठन हुई तब से 1964 तक हम लोग एक थे। लेकिन 1964 में कुछ मतांतर के कारण हम अलग हुए उसके बाद भी कई सारे जन मुद्दों पर एक साथ संघर्ष कर आम लोगों के हक-हकूक में जन आंदोलन इकट्ठा किया, लेकिन 1964 के बाद पहली बार बिहार में हम लोग एक साथ कार्यकर्ता सम्मेलन किए हैं। हम लोग आगामी विधानसभा चुनाव में भी एकजुटता बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा नीति की सरकार लगातार गरीब, मजदूर, किसान, नौजवान की अनदेखी कर रही है। लगातार सरकार 2% लोगों को खुश करने के लिए 98% लोगों के साथ छलावा कर रही है। यह आम बजट अपने दो मित्रों की झोली भरने के लिए लाई गई है। इस बजट में खास करके बिहार के लोगों के लिए कुछ नहीं है। देश के अंदर आम लोगों का शोषण करने के लिए सरकार लोगों को धर्म की अफीम पिला रही है। कुंभ के नाम पर जिस तरह से सरकारी मिशिनरी का दुरुपयोग कर एक भ्रम की स्थिति पूरे देश के अंदर फैलाई गई। जिससे हजारों लोग की नाहक जान चली गई। सरकार धार्मिक प्रोपेगेंडा फैलाने में लगी है। इसकी पूरी सरकारी मशीनरी एक धर्म विशेष को गाली देने में लगी रहती है। इस देश को धार्मिक उन्माद में झोकने का काम केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है। जिससे देश के अंदर एक बड़ी अराजकता की स्थिति बनी हुई है। हिंदू-मुस्लिम जो एक-दूसरे के भाई हैं। वे आज एक-दूसरे से नफरत कर रहे हैं। केंद्र सरकार की पूरी सरकारी तंत्र ही देश के अंदर नफरत फैलाने में लगी हुई है।

वहीं कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा कि बिहार अनेक तरह के संकटों के दलदल में फंसता जा रहा है। आम जनता केंद्र राज्य के एनडीए सरकार की पूंजीपति परस्त नीतियों के दुष्प्रभाव से उब चुकी है। आम आदमी खासकर गरीब, दलित, आदिवासी सरकार की शोषणकारी नीतियों से परेशान हो गया है और ऐसी सरकार से मुक्ति चाहता है। आम जनता के बदहाली और उससे मुक्ति के लिए जनता की छटपटाहट को देखते हुए इस जन विरोधी सरकार को बदलने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने संयुक्त रूप से राज्यव्यापी आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। आंदोलन के पहले चरण में 20 मार्च 2025 को राज्य के सभी जिलों में संयुक्त रूप से जुलुस और प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। आगे के आंदोलन के रूपरेखा बाद में तय की जाएगी। बिहार देश का ऐसा राज है। जहां लगभग 20 वर्षों से एक ही व्यक्ति मुख्यमंत्री कुर्सी पर विराजमान है। वहीं कुछ महीनो के लिए बीच में इंटरवल जरूर हुआ। इस अवधि में भले ही उस व्यक्ति की राजनीतिक वैचारिक-प्रतिबद्धता बदलती रही, लेकिन उनके मुख्यमंत्री कुर्सी नहीं बदली एक मुख्यमंत्री के 20 साल का समय बिहार का बदलने के लिए कम नहीं है। लेकिन हुआ क्या? आज तक भूमि सुधार का काम अधूरा है। लाखों बेघर को घर नहीं मिला है। लाखों भूमिहीन परिवार को जमीन नहीं मिली है।

इस मौके पर राज्य सचिव मंडल सदस्य मिथिलेश झा, श्याम भारती, रामचंद्र महतो, सीपीआई के जिला सचिव नारायणजी झा, सीपीएम के जिला सचिव अविनाश ठाकुर मंटू, सीपीआई सहायक जिला सचिव राजीव चौधरी, जिला कोषाध्यक्ष सुधीर कुमार, सीपीएम जिला सचिव मंडल सदस्य दिलिप भगत, जिला सचिव मंडल सदस्य दिनेश झा, गणेश महतो, रघुनाथ झा, नथुनी झा, गोपाल ठाकुर, अली अहमद तमन्ने, राजू मिश्रा, मुखिया कुमार किसलय, विश्वनाथ मिश्र, मणिकांत झा, मो. कलाम, सुनील शर्मा, नीरज कुमार ललितेश्वर पासवान, शरद कुमार सिंह, शशिरंजन प्रताप सिंह, अरशद सिद्दीकी, ललित मिश्र, भोला सिंह, शिवकुमार सिंह आदि ने संबोधित किया।

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