Home Featured मैथिली में रचित महेशवाणी एवं नचारी संग्रह ‘केदारमणि’ का लोकार्पण।
June 30, 2019

मैथिली में रचित महेशवाणी एवं नचारी संग्रह ‘केदारमणि’ का लोकार्पण।

दरभंगा कार्यालय:मैथिली के चर्चित साहित्यकार, आकाशवाणी के दरभंगा संवाददाता एवं भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला आइकॉन मणिकांत झा द्वारा मणिश्रृंखला अंतर्गत मैथिली में रचित महेशवाणी एवं नचारी संग्रह ‘केदारमणि’ का लोकार्पण रविवार को एमएमटीएम महाविद्यालय के सभागार में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा0 बैद्यनाथ चौधरी बैजू, दरभंगा की महापौर बैजयंती देवी खेड़िया, पं विष्णु देव झा विकल, एडीएन सिंह, डाॅ अनिल कुमार झा, बासुकी नाथ झा आदि के कर-कमलों से किया गया।

लोकार्पण समारोह में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिला के जन जीवन में शिव पूजा अत्यंत प्रशस्त है। हिंदू धर्म की सभी जाति के लोगों में शिव आराधना के प्रति काफी आकर्षण रहता आया है। यही कारण है कि मिथिला में शिव की मान्यता जन देवता के रूप में है और मिथिला के हर गांव में शिव मंदिर की प्रधानता है। अपने संबोधन में उन्होंने मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा द्वारा मैथिली में रचित महेशवाणी एवं नचारी संग्रह केदारमणि को मिथिला में शिव पूजा की संस्कृति का संवाहक बताया।
लोकार्पण समारोह में अपने विचार रखते हुए दरभंगा नगर निगम की मेयर बैजयंती देवी खेड़िया ने कहा की सावन से ठीक पहले केदारमणि के प्रकाशन से देवघर तक पैदल यात्रा करने वाले मिथिला के लाखों कावड़ियों सहित आम मिथिला वासी को एक अनुपम उपहार मिल गया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि मणिकांत रचित महेशवाणी एवं नचारी की गूंज जल्दी ही मिथिला के गांव-गांव में स्थापित शिवालयों में गुंजेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार पं विष्णु देव झा विकल ने कहा कि मिथिलाि में देवों के देव महादेव की मोक्ष प्रदान करने वाले विशिष्ट देवता के रूप में मान्यता है। गांव गांव में शिव मंदिर स्थापित होने के साथ-साथ मिट्टी से बने पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने की भी यहां प्रचलित परंपरा रही है। यही कारण है कि विद्यापति की महेशवाणी और नचारी को यहां काफी प्रसिद्धि मिली है। अपने संबोधन में उन्होंने मणिकांत झा की इस रचना संग्रह को मैथिली भक्ति साहित्य जगत को मजबूती प्रदान करने वाला बताया।
मैथिली साहित्य जगत के हास्य सम्राट डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक एवं प्रो जीव कांत मिश्र के संयुक्त संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में केदारमणि पुस्तक से महेश वाणी एवं नचारी की अनेक प्रस्तुतियां दी गई । कार्यक्रम में आकाशवाणी दरभंगा के कलाकार दीपक कुमार झा, केदारनाथ कुमर, जानकी ठाकुर डॉ सुषमा झा एवं नीरज कुमार झा ने केदारमणि के भक्तिमय गीतों की संगीतमय प्रस्तुतियां दी। वहीं, तबला पर गौरी शंकर झा नाल पर अर्जुन झा आदि ने संगति दी।
लोकार्पण समारोह में मणिकांत झा एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीलम झा के परिणय दिवस उत्सव का 33वां सालगिरह भी मनाया गया।

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