लाइन क्लोज किये गये जमालपुर थानाध्यक्ष के पक्ष में खड़े हुए पीड़िता के परिजन एवं ग्रामीण।
देखिए वीडियो भी।
देखिए वीडियो भी 👆
दरभंगा: नाबालिग को अपहर्ताओं से बचाने के साथ साथ गिरफ्त में आये अपराधियों को भी भीड़ से बचाने में जान पर खेलने वाले जिस थानाध्यक्ष को मिलना चाहिए था पुरस्कार, उसे मिल गयी है सजा। कारण कि उन्होंने जनाक्रोश से अपराधियो की बचाने केलिए उसे दो चार डंडे लगा दिये!
उपरोक्त बातें जमालपुर थानाध्यक्ष में पक्ष में खड़े हुए स्थानीय ग्रामीणों के साथ साथ पीड़ित लड़की एवं उनके परिजन खुद कह रहे हैं।
दरअसल, थानाध्यक्षों की शिकायत करने एसएसपी के पास तो पीड़ित पहुंचते रहते हैं। पर थानाध्यक्ष पर कारवाई होने पर उनके पक्ष में आमलोगों को खड़े होते बिरले ही देखा जाता है। शनिवार को एसएसपी कार्यालय परिसर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। हाल ही में गिरफ्तार युवक को पीटने के आरोप में लाइन हाजिर किये गए जमालपुर थानाध्यक्ष तारिक अनवर के पक्ष में जमालपुर थानाक्षेत्र के ग्रामीण उतर आये हैं। उन्होंने एसएसपी बाबूराम से मिलकर उन्हें दण्डित नही, बल्कि उन्हें पुरस्कृत करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि थानाध्यक्ष ने आमजनों के हित मे अपराधियों पर कारवाई की है। ऐसे जांबाज थानाध्यक्ष को यदि दण्डित किया जाता है तो इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा।
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एसएसपी बाबूराम ने बताया कि मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे दिखाया गया था कि थानाध्यक्ष द्वारा गिरफ्तार युवक को पीटा गया। इस खबर पर संज्ञान लेते हुए थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ अपराधी एक नाबालिग लड़की का जबरन अपहरण करके ले जाने का प्रयास कर रहे थे। उक्त अपराधी पर थानाध्यक्ष द्वारा कारवाई की गयी। मामले की जांच करवाकर यथोचित कारवाई की जाएगी।
साथ ही एसएसपी ने कहा कि थानाध्यक्ष ने जो बहादुरी दिखायी उसके लिए पुरस्कृत करने केलिए अलग से विचार किया जाएगा।
बताते चलें कि मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें जमालपुर थानाध्यक्ष द्वारा एक गिरफ्तार युवक को पीटा जा रहा था। इसी पर संज्ञान लेते हुए एसएसपी ने थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया था।
वहीं एसएसपी कार्यालय पहुँचे ग्रामीणों ने कहा कि गत 21 जनवरी को थानाक्षेत्र की नाबालिग लड़की अपनी बहन के साथ खेत मे साग तोड़ रही थी। उसी समय स्कोर्पियो से पहुँचे तीन अपराधियों ने उक्त लड़की को मुँह दाब कर स्कोर्पियो में बैठा लिया और चल दिये। लड़की की बहन के शोर मचाने पर ग्रामीणों ने बाइक से पीछा किया। साथ ही जमालपुर थानाध्यक्ष को सूचना दिया। चार-पांच गांव के लोगों ने उक्त अपराधी को घेर लिया और मारने पीटने पर उतारू हो गए। ऐसे में थानाध्यक्ष ने लोगों के आक्रोश से बचाने केलिए उक्त अपराधी को चार पांच डंडा लगा दिया और गाड़ी में बैठा कर ले गए। लोगों के हुजूम ने थाने को घेर रखा था। अगर थानाध्यक्ष उस माहौल में उस अपराधी को दो चार डंडे भी नही मारते तो संभव था कि जनाक्रोश में अपराधी की जान भी जा सकती थी। अतः ऐसे जाबांज पुलिस अफसर को दंडित नही, बल्कि पुरस्कृत करने की जरूरत है।
कला कुंभ का चैंपियन बना पीजी एथलेटिक्स विभाग
दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, द…