Home Featured अडानी साइलो प्रोजेक्ट में जमीन घोटाले का आरोप, कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी।
4 days ago

अडानी साइलो प्रोजेक्ट में जमीन घोटाले का आरोप, कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी।

दरभंगा: जाले विधानसभा के पूर्व महागठबंधन प्रत्याशी डॉ. मशकूर उस्मानी ने दरभंगा जिला कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता कर अडानी एग्रो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड पर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 करोड़ की लागत से बने आधुनिक रेल लिंक्ड साइलो प्रोजेक्ट में किसानों के साथ धोखा हुआ है। डॉ. उस्मानी ने कहा कि अडानी ग्रुप, PRVS इंफ्रा, वेदांसा इंफ्रा और कई बिचौलियों ने मिलकर किसानों की जमीन जबरन ली। न मुआवजा दिया, न नौकरी का वादा निभाया। विरोध करने पर किसानों पर फर्जी मुकदमे किए गए। गुंडा एक्ट लगाया गया।

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उन्होंने बताया कि जाले, सहसपुर, जोगियारा और खेसर गांव के किसानों से जमीन औने-पौने दाम में खरीदी गई। बाद में ऊंचे दाम पर अडानी ग्रुप को बेची गई। यह आर्थिक शोषण है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के नियमों का उल्लंघन हुआ। न सहमति ली गई, न मुआवजा दिया गया, न पुनर्वास किया गया। डॉ. उस्मानी ने आरोप लगाया कि यह सब स्थानीय विधायक सह मंत्री के इशारे पर हुआ।

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उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन की भी खरीद-बिक्री हुई। राजस्व चोरी की गई। अडानी ग्रुप ने सत्ता के संरक्षण में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया। सहसपुर गांव (राजस्व थाना नं. 05, खाता-813, खेसरा नं. 1901) की सरकारी जमीन वेदांसा इंफ्रा ने अवैध रूप से अपने नाम करवाई। फिर अडानी को बेच दी। मौजा जाले (खेसरा नंबर 4405) की सरकारी जमीन पर बिना NOC के रेल ट्रैक और सड़क बना दी गई। यह बिहार पब्लिक लैंड एन्क्रॉचमेंट एक्ट, 1956 का उल्लंघन है।

डॉ. उस्मानी ने कहा कि PRVS इंफ्रा ने 1235 डिसमिल जमीन 5.64 करोड़ में खरीदी और 20.50 करोड़ में अडानी को बेची। इससे साफ है कि मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी संपत्ति का खेल हुआ। उन्होंने कहा कि दरभंगा के पूर्व अंचलाधिकारी अनिल मिश्रा ने सरकारी जमीन का अवैध दाखिल-खारिज किया। यह बिहार भूमि सुधार अधिनियम, 1950 के खिलाफ है।

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कांग्रेस सोशल मीडिया लोकसभा दरभंगा अध्यक्ष केशव ठाकुर ने कई बार लोक शिकायत कार्यालय में शिकायत की। इसके बाद अडानी की जमाबंदी रद्द की गई। फिर भी जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। न FIR हुई, न जांच। अपर समाहर्ता ने एक साल तक कोई कदम नहीं उठाया। सचिव के आदेश के बाद ही जमाबंदी रद्द हुई। इससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठते हैं।

डॉ. उस्मानी ने कहा कि जाले विधायक सह मंत्री ने खुद मीडिया में कहा है कि वे अडानी ग्रुप को जाले लाए। इसलिए इस मामले में बिचौलियों, कंपनियों, अडानी ग्रुप, प्रशासनिक अधिकारियों और विधायक की संलिप्तता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 409 के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग का मामला बनता है।

प्रेस वार्ता के अंत में डॉ. उस्मानी ने निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कर सरकार के नियंत्रण में लिया जाए। दोषियों पर FIR हो। किसानों को उनकी जमीन की सही कीमत मिले। बिहार पब्लिक लैंड एन्क्रॉचमेंट एक्ट, 1956 के तहत अवैध अतिक्रमण हटाया जाए। किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस हों। राजस्व चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED और आयकर विभाग से कराई जाए।

इस प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी असलम, कांग्रेस सोशल मीडिया प्रदेश महासचिव पिंकू गीरी, डिप्टी मेयर नाजिया हसन, जिला अध्यक्ष जीवन झा, रघुवंश कुमार सिंह, महासचिव सरफराज अनवर, प्रखंड अध्यक्ष चांद सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

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