जीवन तभी सफल है जब ईश्वर का सानिध्य मिलता है : वेदानंद शास्त्री।
दरभंगा: श्री शारदा इंस्टीट्यूशन परिवार और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी विकासात्मक समिति की और से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठे दिन आचार्य वेदानंद शास्त्री ने बताया कि गठबंधन काटने का सबसे बड़ा शस्त्र है “महारास” है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को रास प्रसंग में भाग लेना चाहिए क्योंकि रास से मनुष्य के जीवन का ह्रास मतलब कमजोरी खत्म होती है,जीव मुक्त हो जाता है स्वछंद हो जाता है। आदि गुरु शंकराचार्य कहते है सर्वप्रथम मनुष्य बनना दुर्लभ है। मनुष्य बनने के बाद यदि सत्संग मिल गया फिर कोई कमी नहीं रही, इसलिए प्रत्येक मनुष्य को मानव बनना हो तो फिर सत्संग में आना ही पड़ेगा। भगवान श्री कृष्ण नंदबाबा की अजगर से जान बचाई। ब्रज से चलकर मथुरा पहुंचे।
ब्रज की यात्रा से ब्रजवासी,ब्रजगोप,सभी व्याकुल हो गए लगा कि हमारा प्राण ही जा रहा है, अब हम जियेंगे कैसे प्रभु ही तो हमारे प्राण हैं इसलिए ऐसी व्याकुलता आयी कि सभी हताश और निराश हो गए। ये जीवन तभी सफल है जब ईश्वर का सानिध्य मिलता है।मथुरा आकर श्री कृष्ण ने धोबी आदि जीव पर कृपा किये फिर कंस को मारकर उनका उद्धार किया। विद्या अध्ययन के बाद उद्धव की ब्रज यात्रा के बारे में बताए उसके बाद सत्रह बार जरासंध को हराए और अठारहवीं बार मे रणछोड़ कर भागे और रणछोड़ कहलाये। उसके बाद रुक्मिणी-कृष्ण विवाहोत्सव की महत्ता बताई।
दवा दुकानदार के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर किया सड़क जाम।
दरभंगा: सोमवार की रात मनिगाछी थाना क्षेत्र में हुए दवा दुकानदार की हत्या मामले में …