Home Featured भारत को भाषा सूत्र में नहीं बांधा जा सकता है : कुलपति।
2 weeks ago

भारत को भाषा सूत्र में नहीं बांधा जा सकता है : कुलपति।

दरभंगा: संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि लोगों ने संस्कृत को देवभाषा बोलकर देवलोक पहुंचाने का कार्य किया है। लोग अब संस्कृत को मृतभाषा बोलने पर तुला हुआ है। यह गलती हम सबकी है। भारत को भाषा सूत्र में बांधा नहीं जा सकता है।

Advertisement

सब भाषाओं के विकास से ही संस्कृत की भी तरक्की होगी। प्रो. पाण्डेय ने कहा कि सभी ज्ञान परंपरा संस्कृत से मिलती है। शुरू से लेकर अबतक दुनिया भारत से चरित्र निर्माण सीख रही है। भारत हमेशा ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया है।भारत को हमेशा प्रकाशरत बने रहने की ज़रूरत है, ताकि भारत दोबारा विश्व गुरु बन सके। प्रो. पाण्डेय ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता में भी लिखी गई है कि ज्ञान प्राप्त करना मुश्किल पथ है। ज्ञान प्राप्त करने के लिए लगातार अध्ययन करने की जरूरत है। वे एलएनएमयू के बीएड (नियमित) एवं दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं भारतीय ज्ञान परम्परा को संबोधित कर रहे थे।

Advertisement

इग्नू नई दिल्ली के प्रो अरविंद कुमार झा ने कहा कि मिथिला ने तर्क और न्याय परंपरा की शुरुआत की है। मैथिल होने के कारण आप तर्क परंपरा के संतान है। मिथिला हमेशा न्याय की धरती रही है। हम सबकी अब जिम्मेदारी है कि झूठे अभिमान के बदले कुछ काम करने की जरूरत है। डॉ. अरविंद कुमार मिलन ने सेमिनार में शामिल सभी सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। समापन समारोह में डॉ. राजीव कुमार, डॉ. शंभू प्रसाद, डॉ. अखिलेश मिश्र, डॉ. निधि वत्स, डॉ. मिर्ज़ा रूहुल्लाह बेग, डॉ. उदय कुमार, डॉ. शुभ्रा, डॉ. जय शंकर सिंह, डॉ. रेशमा तबस्सुम, कुमार सत्यम थे।

Advertisement
Share

Check Also

इमरजेंसी विभाग के पास फेंके गए कूड़े में लगी आग, मरीज एवं परिजनों में मची अफरातफरी।

दरभंगा: रविवार को डीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग और एमआरआई सेंटर के बीच फेंके गए कूड़े में अचा…